भारत के निर्वाचन आयोग ने जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के तारीख की घोषित की है। उनमें केरल भी शामिल है। केरल में विधानसभा की 140 सीट है और इसके लिए यहां 6 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। दो मई को परिणाम की घोषणा हो जायेगी। लिहाजा हलचल तेज हो गई है। केरल की राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले इसको अलग नजरिए से देखते है। केरल को वामपंथ का गढ़ कहा जाता है। यहां की राजनीति में एलडीएफ और यूडीएफ का दबदबा रहा है। इस बार भी मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनो के बीच होनी है। हालांकि, इस नूराकुश्ती के बीच केरल में पहली बार एनडीए ने अपने लिए पोलिटिकल स्पेस की खोज शुरू कर दी है। सवाल उठता है कि केरल की राजनीति में बीजेपी के लिए सम्भावनाएं है क्या?
This post was published on मार्च 12, 2021 17:00
या आप जानते हैं कि गिद्ध क्यों विलुप्त हो गए? और इसका मानव जीवन पर… Read More
भारत और पाकिस्तान के 1947 के बंटवारे में केवल जमीन ही नहीं, बल्कि घोड़ागाड़ी, बैंड-बाजा,… Read More
7 दिसंबर 1941 का पर्ल हार्बर हमला केवल इतिहास का एक हिस्सा नहीं है, यह… Read More
सफेद बर्फ की चादर ओढ़े लद्दाख न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता बल्कि इतिहास और संस्कृति… Read More
आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना।… Read More
मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More