सउदी अरब के मक्का स्थित काबा में सफा और मरवा की पहाड़ियों के बीच एक कुंआ है। इस्लाम में इसे पाक जमजम के नाम से जाना जाता है। कहतें है कि आबे जमजम का पानी इंसान के लिए रब की बेहतरीन नियामत में से एक है। आम पानी से अलग इसमें इंसानों के लिए बड़े-बड़े फायदे छिपे हैं। हदीस में नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्मम के द्वारा आबे ज़मज़म का जिक्र आया है। अलैहि सलाम ने फ़रमाया कि अल्लाह इस्लाम की उम्मत पर रहमत नाज़िल करने के लिए जमजम का नेमत दिया है। वैसे तो आज तक इस जलस्त्रोत का ठीक से कोई मालुमात हासिल नहीं हुआ है। किंतु, अल अरबिया डॉट नेट के मुताबिक़ जमजम के कुंए में पानी का तीन स्त्रोत बताया गया है। जिसको हुजरे असवद, जबल अबू क़ैस और अलम कबरया की संज्ञा दी गई। जमजम का यह कुंआ 18 बाई 14 का है और ताज्जुब की बात ये है कि हाजियो के द्वारा यहां से प्रत्येक साल लाखों गैलन पानी निकालने के बाद भी यह कभी खाली नहीं होता है। जानकार बतातें हैं कि हजरत इब्राहिम के जमाने से यानी सदियो से यह परंपरा चली आ रही है। क्या है आबे जमजम का रहस्य? देखिए, पूरी रिपोर्ट…
This post was published on जनवरी 31, 2020 17:00
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