लोकतंत्र में एक- एक मतो का बड़ा महत्व होता है। मतो की ताकत से सरकारें बनती या बिगड़ जाती है। मतो की चोट से ही हम, हमारा मुस्तकबिल तय करतें हैं। सवाल ये कि आखिरकार हम कैसे तय करें कि हमारे लिए कौन बेहतर है? विकास की बातें तो सभी करतें है। पर, आखिरकार चुनाव में जातिवाद या सम्प्रदायवाद ही क्यों हाबी हो जाती है? राजनीतिक श्लोगन मतदाताओ को कितना प्रभावित करेगा? इस सब के बीच बड़ा सवाल ये कि आखिरकार मतदाता अपना निर्णय तय करें, तो कैसे करें? खबरो की खबर के इस सेगमेंट में आज हम इन्ही सवालो का जवाब तलाशने के लिए बीजेपी और कॉग्रेस के घोषणा पत्र की पड़ताल करते हुए आपके लिए रिपोर्ट तैयार किया है। इसमें बीजेपी और कॉग्रेस के द्वारा की गई वादो की तो जानकारी देंगे ही, साथ ही दोनो घोषणापत्र का कम्परेटिव स्टडी भी करेंगे। देखिए पूरी रिपोर्ट …
This post was published on मई 3, 2019 17:00
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