Petrol Diesel Price Again Increased
KKN गुरुग्राम डेस्क | आजकल पेट्रोल और डीजल के पंपों पर धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, और यह आम आदमी के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। पेट्रोल पंपों पर फ्यूल धोखाधड़ी के विभिन्न तरीके हैं, जिनसे उपभोक्ताओं को कम ईंधन दिया जाता है, जबकि वे पूरी कीमत का भुगतान करते हैं। इस लेख में हम आपको एक विशेष तरीका बताएंगे, जिससे आप पेट्रोल पंप धोखाधड़ी से बच सकते हैं और यह जान पाएंगे कि आपको पेट्रोल भरवाते समय डेंसिटी मीटर पर क्यों ध्यान रखना चाहिए।
पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाने से पहले कर्मचारी अक्सर आपको यह कहता है कि आप मशीन के जीरो को चेक करें। यह एक सामान्य प्रक्रिया लगती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि पेट्रोल पंप की मशीन में कोई गड़बड़ी नहीं है और ईंधन की सही मात्रा दी जा रही है। हालांकि, यह केवल एक पहलू है। आपको डेंसिटी मीटर पर भी ध्यान रखना चाहिए, जो मशीन के नीचे स्थित होता है।
डेंसिटी मीटर एक उपकरण होता है जो पेट्रोल पंप की ईंधन डिस्पेंसिंग सिस्टम में लगाया जाता है। इसका कार्य ईंधन के घनत्व को मापना है, जो यह सुनिश्चित करता है कि उपभोक्ताओं को सही मात्रा में ईंधन मिल रहा है। पेट्रोल और डीजल का घनत्व समय और तापमान के आधार पर बदलता रहता है। यदि घनत्व में कोई बदलाव होता है, तो उसे सही मात्रा में ईंधन की पहचान करने के लिए समायोजित किया जाता है।
फ्यूल के घनत्व के हिसाब से एक निश्चित मात्रा में ईंधन निर्धारित होता है। यदि घनत्व मीटर को गलत तरीके से समायोजित किया जाता है, तो इससे पेट्रोल पंप पर धोखाधड़ी हो सकती है और उपभोक्ता को सही मात्रा में ईंधन नहीं मिलता।
कम मात्रा में ईंधन देना: यह सबसे सामान्य प्रकार की धोखाधड़ी है, जिसमें पेट्रोल पंप मशीन को इस तरह से कैलिब्रेट किया जाता है कि वह आपको जितनी कीमत का पेट्रोल दिखाती है, उससे कम पेट्रोल देती है। उदाहरण के लिए, यदि मशीन 1 लीटर पेट्रोल दिखाती है, तो वास्तव में वह केवल 900 मिलीलीटर ही देती है।
तापमान का गलत हिसाब: पेट्रोल और डीजल का घनत्व तापमान के आधार पर बदलता है। यदि तापमान बढ़ता है, तो ईंधन का घनत्व घट जाता है। कुछ पेट्रोल पंप ऑपरेटर तापमान के हिसाब से डिवाइस को कैलिब्रेट करते हैं ताकि वह आपको कम ईंधन दे सके।
फ्यूल मीटर का गलत समायोजन: कभी-कभी पेट्रोल पंप मीटर को ऐसे समायोजित किया जाता है, जिससे उपभोक्ता को कम ईंधन मिलता है, लेकिन मशीन सही मात्रा दिखाती है। यह धोखाधड़ी की सबसे सूक्ष्म और खतरनाक शैली है, क्योंकि इसे पकड़ना मुश्किल होता है।
बाईपास मैकेनिज़म का उपयोग: कुछ पेट्रोल पंपों पर बाईपास मैकेनिज़म लगाए जाते हैं, जिससे ईंधन का कुछ हिस्सा मशीन के बाहर चला जाता है और ग्राहक को कम ईंधन मिलता है। यह धोखाधड़ी का एक गंभीर तरीका है, क्योंकि इसे पहचान पाना बेहद कठिन होता है।
पंप का जीरो चेक करें: पेट्रोल पंप कर्मचारी जब आपको मशीन का जीरो चेक करने के लिए कहते हैं, तो यह सुनिश्चित कर लें कि मशीन में सही प्रकार से जीरो दिख रहा है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि डिस्पेंसिंग शुरू होने से पहले कोई गड़बड़ी नहीं है।
डेंसिटी मीटर पर ध्यान दें: डेंसिटी मीटर पर नजर डालें। यह मीटर पंप के नीचे होता है और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आपको सही मात्रा में ईंधन मिल रहा है। यदि मीटर का माप सामान्य से कम या ज्यादा दिखता है, तो इसका मतलब हो सकता है कि पंप में कोई गड़बड़ी है या फिर धोखाधड़ी हो रही है।
कुल वॉल्यूम और कीमत की तुलना करें: पेट्रोल भरवाने के बाद यह सुनिश्चित कर लें कि जो पेट्रोल की कुल मात्रा और उसके हिसाब से कीमत आई है, वह उचित है। यदि कुल मूल्य और मात्रा के बीच कोई बड़ा अंतर हो, तो यह धोखाधड़ी का संकेत हो सकता है।
बिल प्राप्त करें: हमेशा पेट्रोल भरवाने के बाद बिल जरूर प्राप्त करें। बिल में आपको पेट्रोल की सही मात्रा और उसकी कीमत का विवरण मिलता है। अगर आपको लगता है कि आपने जो कीमत चुकाई है, वह वाजिब नहीं है, तो तुरंत शिकायत करें।
प्रमाणित पेट्रोल पंप से ही पेट्रोल भरवाएं: हमेशा प्रसिद्ध और प्रमाणित पेट्रोल पंपों से ही पेट्रोल भरवाएं। ये पंप अधिकतर निगरानी में होते हैं और धोखाधड़ी करने की संभावना कम होती है।
डिजिटल भुगतान का उपयोग करें: पेट्रोल के भुगतान के लिए डिजिटल भुगतान (जैसे कि डेबिट/क्रेडिट कार्ड, मोबाइल वॉलेट) का उपयोग करें। इससे आपको स्पष्ट ट्रांजैक्शन हिस्ट्री मिलती है, और धोखाधड़ी की स्थिति में आपके पास बेहतर दस्तावेज होते हैं।
धोखाधड़ी की शिकायत करें: अगर आपको कोई भी धोखाधड़ी या गड़बड़ी का संदेह हो, तो तुरंत उपभोक्ता फोरम या भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से संपर्क करें। ऐसे मामलों में कानूनी सहायता प्राप्त करना आपके अधिकार में है।
पंप का सील चेक करें: पेट्रोल पंप पर कैलिब्रेशन सील का होना जरूरी है, जो यह सुनिश्चित करता है कि पंप सही तरीके से काम कर रहा है। पंप पर सील को चेक करें और अगर कोई गड़बड़ी हो, तो उसे रिपोर्ट करें।
सिखें और जागरूक बनें: पेट्रोल पंपों के काम करने के तरीके और आम धोखाधड़ी के बारे में खुद को जागरूक रखें। जितना अधिक आप जानते होंगे, उतना ही बेहतर तरीके से आप धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
पेट्रोल पंप पर धोखाधड़ी कोई नई बात नहीं है, लेकिन अगर आप सही जानकारी रखते हैं और सतर्क रहते हैं, तो आप इससे बच सकते हैं। डेंसिटी मीटर और जीरो चेक जैसी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपको पूरी मात्रा में पेट्रोल मिले।
ध्यान रखें कि आप एक जागरूक उपभोक्ता हैं और आपका पैसा बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप सही तरीके से ध्यान देंगे, तो आप पेट्रोल पंप धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
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