KKN न्यूज ब्यूरो। लॉकडाउन की अवधि में एक ओर जहां बिहार के कई जिलो से पुलिस पर फूलो की बरसात होने की खबरें आ रही है। वहीं, मुजफ्फरपुर जिला के सिवाईपट्टी पुलिस के खिलाफ किसानो में पनप रहा आक्रोश इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। इलाके के कई किसान पुलिस पर तानाशाही करने और बेवजह प्रताड़ित करने के आरोप लगा रहें है।
इसी कड़ी में टेंगरारी के किसान अच्छेलाल प्रसाद ने शनिवार को एसएसपी को ज्ञापन देकर सिवाईपट्टी पुलिस पर पिटाइ करने और बेवहज कई घंटे तक थाना पर बैठा कर रखने के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। अच्छेलाल ने बताया कि वह सब्जी बेच कर बजार से लौट रहा था और इस कार्य के लिए उसके पास डीटीओ द्वारा निर्गत पास भी मौजूद था। इसके बाद भी सिवाईपट्टी पुलिस ने उसकी पिटाई कर दी और कई घंटे तक थाना पर रखने के बाद आखिरकार छोर भी दिया।
मामले की गंभीरता को समझने के लिए टेंगरारी के मुखिया नीलम कुमारी से संपर्क करने पर उन्होंने अच्छेलाल का समर्थन करते हुए सिवाईपट्टी पुलिस पर लॉकडाउन की आर में तानाशाही करने के गंभीर आरोप लगाते हुए उच्चाधिकारी से इसकी निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। मुखिया ने बताया कि पुलिस के तानाशाही से किसानो में रोष है और न्याय नहीं मिला तो लॉकडाउन के बाद पुलिस के खिलाफ किसान सड़क पर उतर जायेंगे।
स्मरण रहें कि पिछले सप्ताह ही डेराचौक के किसान विजय रंजन ने सिवाईपट्टी पुलिस पर दरबाजे से खींच कर पिटाई करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में अपनी शिकायत दर्ज कराई थीं। इस बीच टेंगरारी के फूलदेव प्रसाद सहित कई अन्य लोगो ने भी सिवाईपट्टी पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किये हैं। किसानो का कहना है कि कृषि कार्य के लिए सरकार से छूट मिलने के बाद भी स्थानीय पुलिस किसानो पर लाठी बरसा रही है।
इधर, सिवाईपट्टी के थाना अध्यक्ष कुमार संतोष रजक ने हमारे प्रतिनिधि से बात करते हुए सभी आरोप को निराधार और बदनाम करने वाला बताया है। थाना अध्यक्ष ने बताया कि लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने के दौरान कुछ लोगो की मनमर्जी नहीं चलने दी गई। अब ऐसे तमाम लोग गोलबंद होकर पुलिस को बदनाम करने की मुहिम में जुट गये है।
This post was published on अप्रैल 19, 2020 21:20
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