जस्टिस रंजन गोगोई बुधवार को देश के मुख्य न्यायाधीश का पदभार ग्रहण कर रहें है। इससे पाहले उन्हें राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पद की शपथ दिलाये। जस्टिस गोगोई पूर्वोत्तर भारत से आते है। जस्टिस गोगोई देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश होंगे और 17 नंवबर 2019 तक उनका कार्यकाल रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट में जजो का अभाव
बतातें चलें कि सुप्रीम कोर्ट मे न्यायाधीशों के कुल 31 पद हैं। जिसमे से अभी 24 न्यायाधीश काम कर रहे हैं। जस्टिस गोगोई के कार्यकाल में पांच और न्यायाधीश सेवानिवृत होंगे और सुप्रीम कोर्ट की कुल रिक्तियां 11 हो जाएंगी। उच्च न्यायालयों में भी जजों के 427 पद पहले से रिक्त हैं।
प्रथम रोज ही करेंगे सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश का पद ग्रहण करने के साथ ही जस्टिस गोगोई बुधवार को प्रथम रोज ही जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ के साथ मुख्य न्यायाधीश की अदालत में मुकदमों की सुनवाई करेंगे। पहले दिन भले ही उनकी अदालत में सुनवाई के लिए कम मुकदमें लगे हों, लेकिन देश भर की अदालतों में लंबित 2.77 करोड़ मुकदमें नये मुखिया की नयी योजना का इंतजार कर रहें हैा इन मुकदमों में 13.97 लाख मुकदमें वरिष्ठ नागरिकों के हैं और 28.48 लाख मुकदमें महिलाओं ने दाखिल कर रखे हैं। इतना ही नहीं उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट मे लंबित 54 हजार मुकदमें भी अपने मुखिया की नयी कार्य प्रणाली और शीघ्र मुक्ति का इंतजार कर रहे हैं।
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This post was published on अक्टूबर 3, 2018 11:08
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