विवाह समारोह हो या अन्य कोई समारोह…। डीजे से निकलने वाली तेज आवाज से हर कोई परेशान है। दिन भर की भागमदौर और तीब्र आवाज के बीच रात में सोने की जद्दोजहद करते लोग…।
यह तस्वीर किसी शहर की नही… बल्कि, गांव की है। जानकार मानते है कि आज के गांव में ध्वनि प्रदूषण खतरनाक रूप लेने लगा है। बच्चो की पढ़ाई बाधित है और मोबाइल पर बात करना मुश्किल होने लगा है। सबसे अधिक परेशानी तो बीमार और बुजुर्ग लोगो को झेलनी पड़ रही है। रोजमर्रा के काम पर भी इसका कुप्रभाव पड़ने लगा है। बावजूद इसके किसी में भी इसके बिरुद्ध आवाज बुलंद करने की साहस नही है। क्योंकि, लम्बे समय से चली आ रही परंपरा आरे आ जाती है। चुप रहने का सबसे बड़ा कारण ये भी कि तेज आवाज से शरीर को होने वाले नुकसान की किसी को ठीक से जानकारी भी नही है।
आपको बतातें चलें कि मनुष्य की अधिकतम श्रवण क्षमता 80 डेसिबल तक की होती है। इससे अधिक आवाज मनुष्य बर्दास्त नहीं कर सकता है। जानकार बतातें हैं कि 25 डेसिबल तक की आवाज को मनुष्य आसानी से बर्दाश्त कर लेता है। किंतु, इससे अधिक तीब्रता की ध्वनि कान में पड़े तो बेचैनी का महसूस होना स्वाभाविक है और आदमी धीरे धीरे बीमार होने लगता है।
तेज घ्वनि के बीच अधिक देर तक रहने पर जल्दी थकान महसूस होने लगता है। कई लोगो को सिरदर्द भी होने लगता है। लगातार तेज आवाज के बीच रहने वालों की श्रवण क्षमता में कमी हो जाना, स्वभाव में चिड़चिड़ापन का होना और उत्तेजना में बृद्धि होना आम शिकायत है। लिहाजा तेज ध्वनि से ब्लड प्रेसर जैसी खतरनाक बीमारी होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
किंतु, इससे भी अधिक खतरनाक बात ये है कि तेज ध्वनि के बीच अधिक देर रहने से मनुष्य मेटाबॉलिक डिसऑडर का शिकार होने लगता है। शोध से पता चला है कि ध्वनि की तीब्रता से शरीर में एड्रीनलहार्मोन का स्राव बढ़ जाता है और धमनियों में कोलेस्ट्रोल का जमाव होने लगता है। लिहाजा, हर्टअटैक का खतरा कई गुणा तक बढ़ जाता है। जो पहले से इस बीमारी से गसित है, उनमें अटैक आने का खतरा कई गुणा तक बढ़ जाता है। इससे जनन क्षमता भी कमजोर हो जाती है। यानी पुरुषो में नपुंसक होने का खतरा बढ़ जाता है। जानकार मानते है कि समय रहते तेज ध्वनि को रोका नही गया तो बहुत बड़ी आबादी ब्लड प्रेसर सहित कई खतरनाक रोग की चपेट में आ जायेगा।
This post was published on मई 3, 2018 20:32
या आप जानते हैं कि गिद्ध क्यों विलुप्त हो गए? और इसका मानव जीवन पर… Read More
भारत और पाकिस्तान के 1947 के बंटवारे में केवल जमीन ही नहीं, बल्कि घोड़ागाड़ी, बैंड-बाजा,… Read More
7 दिसंबर 1941 का पर्ल हार्बर हमला केवल इतिहास का एक हिस्सा नहीं है, यह… Read More
सफेद बर्फ की चादर ओढ़े लद्दाख न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता बल्कि इतिहास और संस्कृति… Read More
आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना।… Read More
मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More