भारत में साइबर क्राइम का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। इसकी रोकथाम के लिए कोई पुख्ता कानून नहीं होने से आमलोग ही नहीं, बल्कि अब सरकार की चिंता भी बढ़ने लगी है। बहरहाल, हैकर ने अब मोबाइल एप को तारगेट करके साइबर हमलों के लिए नया निशाना ढ़ूढ़ निकाला है। गृह मंत्रालय को मिली एक खुफिया रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि करीब 70 फीसदी साइबर हमले मोबाइल एप्लीकेशन पर हो रहे हैं। यहां आपको बताना जरुरी है कि हैकरो ने बड़ी ही चालकी से फर्जी ईमेल, लिंक या क्लोनिंग के जरिए धोखाधड़ी करने में लगे है। ऐसे धोखाधड़ी के करीब 28 फीसदी मामले प्रकाश में आ चुकें हैं।
फीचर्स फिशिंग की आशंका
खुफिया रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा एजेंसियों ने मोबाइल एप में सुरक्षा फीचर्स और फिशिंग की आशंका को लेकर सरकार आगाह किया है। खबर है कि गृहमंत्रालय ने विभिन्न एजेंसियों से मिल रही रिपोर्ट का संज्ञान भी लिया है। संबंधित एजेंसियों व मंत्रालयों से कहा है कि वे एप पर साइबर हमलों से बचाने के लिए विशेष सुरक्षा प्रबंधों का इंतजाम करें। ऐसे संदिग्ध एप के जरिये हैकर सूचनाएं जुटा रहे हैं और फिर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहें हैं। एजेंसियों ने निजी सूचनाओं और डाटा चोरी के दुरुपयोग की आशंका भी जाहिर की है। लोगों में जागरूकता फैलाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
साइवर हमला का जोखिम बढ़ने की आशंका
सरकारी सूत्रों ने माना है कि मोबाइल के बढ़ते इस्तेमाल के साथ एप पर साइबर हमले और तेज होने का खतरा भी बढ़ रहा हैं। रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय धोखाधड़ी के 71 फीसदी मामले मोबाइल ब्राउजर और मोबाइल एप की सुरक्षा में सेंधमारी के जरिये हुए हैं। कहतें हैं कि फिशिंग यानी वायरस से लैस ईमेल के जरिये करीब 41 फीसदी धोखाधड़ी होने के मामले प्रकाश में आ चुकें है। जबकि ऐसे करीब दस फीसदी नुकसानदेह एप हैं, जिनके माध्यम से 28 फीसदी साइबर हमलों को अंजाम देने के मामले सामने आए हैं।
भारत के लिए खतरे की घंटी
जानकार बतातें हैं कि भारत ऐसे दस देशों में शामिल हैं जहां मोबाइल एप की फिशिंग, नुकसानदेह एप और कम सुरक्षा के कारण मोबइल एप को निशाना बनाना बेहद आसान माना जा रहा है। हैकर सोशल मीडिया के जरिये भी लोगों या सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हैं। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि पर भविष्य की जानकारी देने या आप की शक्ल किससे मिलती है, जैसे एप सक्रिय रहते हैं, जिन पर भरोसा करना कतई सुरक्षित नहीं है। ये आपके प्रोफाइल से लेकर बैंकिंग डिटेल तक में सेंध लगा सकते हैं।
बचने का यह है उपाय
जानकार बतातें हैं कि यूजर्स इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए कुछ सावधानी बरते तो एक हद तक हैकर की नजर से बचा जा सकता है। मशलन, आप जब भी कोई एप डाउनलोड करते हैं तो जरूर ध्यान रखें कि किन चीजों की इजाजत मांगी जा रही है। कभी भी किसी एप को एडमिन राइट यानी नियंत्रण का अधिकार नही दें। इसी प्रकार किसी वेबसाइट पर जाने से पहले जांच ले कि उसके डोमेन नेम की शुरुआत में HTTPS है या नहीं। यदि है तो इसका मतलब हुआ कि यह साइट आपके लिए सुरक्षित है। कहतें हैं कि अगर आपके फोन में एंटी वायरस नहीं है तो उस पर फोन पर बैंकिंग सुविधा का इस्तेमाल करने से बचे। कयोंकि, यदि आपका फोन हैक होता है या वायरस अटैक होता है तो आपकी सभी जानकारी लीक हो सकती है। एप या लिंक किसी विश्वसनीय जगह से ही डाउनलोड करें। थर्डपार्टी स्टोर से एप डाउनलोड करने से बचें और संदिग्ध लिंक को कभी नहीं खोलें।
खबरो की खबर के लिए पेज को फॉलो कर लें और शेयर जरुर कर लें। मुझे आपके सुझाव का इंतजार रहेगा।
This post was last modified on मार्च 29, 2020 4:03 अपराह्न IST 16:03
आज के समय में weight gain एक आम समस्या बन चुकी है। बदलती lifestyle और… Read More
प्रयागराज इन दिनों बॉलीवुड की हलचल का गवाह बना हुआ है। अभिनेता Ayushman Khurrana, Sara… Read More
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला करने वाले राजेश भाई खेमजी का अयोध्या कनेक्शन… Read More
भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ा है। भारतीय वायुसेना… Read More
विश्वामित्र सेना के संरक्षण में संचालित श्रीधराचार्य वेद गुरुकुलम आज सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण का… Read More
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए नेताओं के साथ हुई एक खास चाय मीटिंग में विपक्ष… Read More