KKN न्यूज ब्यूरो। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि अपना विचार दूसरो पर थोपना, एक प्रकार का आतंकवाद है। उनका इशारा शाहीन बाग के प्रदर्शकारियों पर था। कहा कि लोग सड़कों पर बैठे हैं और अपने विचार दूसरों पर थोपने के लिए आम जन-जीवन को बाधित कर रहे हैं। दरअसल, यह एक प्रकार का आतंकवाद है।
राज्यपाल ने भारतीय छात्र संसद में कहा कि उग्रता केवल हिंसा के रूप में सामने नहीं आती। यह कई रूपों में सामने आती है। अगर आप मेरी बात नहीं सुनेंगे, तो मैं आम जनजीवन को बाधित कर दूंगा। खान ने अपने भाषण में कहा कि असहमति लोकतंत्र का हिस्सा है। इससे कोई परेशानी नहीं है। लेकिन पांच लोग विज्ञान भवन के बाहर बैठ जाएं और कहें कि हमें यहां से नही हटाया जाए जब तक कि यह छात्र संसद एक प्रस्ताव स्वीकार नहीं कर लेती, जिसे हम स्वीकार करते हैं। यह आतंकवाद का एक और रूप है।
अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 में कुछ नहीं बचा है। बस इसके बारे में थोड़ा पढ़ लें। गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता कानून यानी सीएए के खिलाफ दिल्ली के शाहीनबाग में दो महीने से ज्यादा समय से विरोध प्रदर्शन चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर होने के बाद अदालत ने वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को वार्ताकार नियुक्त किया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि यदि लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने लगें तो क्या होगा? कोर्ट ने बोला था कि विरोध करना लोगों का मौलिक अधिकार है लेकिन सड़कों को ब्लॉक करना कितना उचित है?
This post was published on फ़रवरी 22, 2020 12:43
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