Home Politics महापुरषो के  नाम पर राजनीति उचित नही 

महापुरषो के  नाम पर राजनीति उचित नही 

राजकिशोर प्रसाद
आज पूरा देश राजनीति के सियासी खींचातानी से ओत प्रोत है। हमारे देश के महान महापुरुषो के सन्देश, उनकी भावना और सपने, गलत सियासिकरण से धूमिल हो रहे है। महापुरुषो के नाम पर राजनीतिक दल अपनी वोट बैंक के खातिर समय समय पर उनके जन्म दिवस और पुण्य दिवस पर सरकारी छुट्टी की घोषणा कर देती है। किन्तु,  जिस भावना से घोषणा की जाती है, वह कितना सार्थक हो रहा है? इसकी समीक्षा के साथ इस पर ठोस पहल की जरूरत है। तभी हम महापुरुषो के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे।
आज यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बाबा साहेब के जयंती के अवसर पर बोलते हुये जो इसपर जो प्रतिक्रियाएं दी है वह वास्तव में स्वागत योग्य है। स्कूल कालेज व अन्य संस्थाओ में छुट्टियां महापुरुषो में नाम पर हो जाती है। किन्तु, जिस उद्देश्य से ये छुट्टियां घोषित की जाती है उसकी सार्थकता परे होती है। शायद इससे महापुरुषो को श्रद्धांजलि देने के नाम पर राजनीती मात्र है। उस दिन स्कूल दफ्तर में ताले लटके रहते है। योगी ने इस पर जो सुझाव दिए है, उस पर अम्ल की जरूरत है। उस दिन छुट्टी नही बल्कि खुला होना चाहिये और उस दिन उन महापुरुषो की जीवनी और उनके कृत्यों  की पाठ बच्चों और लोगो को पढ़ानी चाहिये। ताकि, हमारा समाज और नई पीढ़ी उन महापुरुषो के पद चिन्हों पर चलकर अपने व्यक्तित्व और समाज का विकास कर सके। साथ ही उन महापुरुषो के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
किन्तु इस पर राजनीती उचित नही लगती। ऐसा देखा जाये तो हमारे देश में हजारो महापुरुष हुये जो हमारे प्रेरणास्रोत है। जो हमारे आदर्श है। अगर सब महापुरुषो की जन्म व पुण्य तिथि पर अवकास कर दी जाये तो, विकास कैसे होगा?  सिस्टम कैसे चलेगी? जरूरत है उन महापुरुषो के प्रति सच्ची श्रद्धांजली की,  न  की सिर्फ दिखावे की।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Show comments

Exit mobile version