भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ बुधवार को मनाई जा रही है। हालांकि, आंदोलन की शुरूआत एक दिन पहले यानि की आठ अगस्त 1942 को ही हो गई थी। आज के ही दिन बंबई, अब के मुंबई के एक मैदान में अखिल भारतीय कांग्रेस महासमिति ने एक प्रस्ताव पारित किया था। यह प्रस्ताव ही भारत छोड़ो आंदोलन बना। इसी आंदोलन में महात्मा गांधी ने करो या मरो का नारा दिया था।
आंदोलन की शुरुआत होते ही महात्मा गांधी को गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन युवा कार्यकर्ताओं ने हड़ताल और प्रदर्शनों के जरिए आंदोलन को देशव्यापी बनाया। बंबई के गोवलिया टैंक मैदान में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत के समय महात्मा गांधी ने एक नारा दिया था। यह नारा था, करो या मरो…। सरकारी आंकाड़ों के अनुसार, इस जनान्दोलन में 940 लोग मारे गए थे। इसके अलावा साठ हजार से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, आंदोलन के दौरान 1630 घायल भी हुए थे।
भारत छोड़ो आंदोलन महात्मा गांधी का ब्रिटिश शासन के खिलाफ तीसरा सबसे बड़ा आंदोलन था। इस आंदोलन को लोगों का काफी सहयोग मिला। भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत होते ही नेहरू, महात्मा गांधी, पटेल समेत कई बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद भी यह आंदोलन तेज गति से चलता रहा और ब्रिटिश शासन की चूले हिल गई।
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