National

फरमाइसी विचारधारा की घातक प्रवृत्ति

Published by

वह 90 का दशक था। विविध भारती से फरमाइसी गाना के शौकिन लोग रेडियो से चिपक जाते थे। मौजूदा समय में फरमाइसी गाना सुनने का प्रचलन लगभग समाप्त हो चुका है। इनदिनो फरमाइसी न्यूज का प्रचलन पनपने लगा है। किसी चैनल पर पसंद का न्यूज चल रहा है, तो ठीक। वर्ना, बिका हुआ कहतें देर नहीं लगेगा। ताज्जुब की बात ये है कि कहने वाले भी कई बार खुद के अतिरिक्त दूसरे की कही को झूठा बताने की कोई कसर बाकी नहीं छोड़ते है। यहीं काम जब दूसरा आपके लिए कर दे, तब अच्छा नहीं लगता है। जरा सोचिए, यहां हर कोई खुद के अतिरिक्त बाकी सभी को झूठा साबित करने पर लगा है। अब इसे मानसिक रोग नहीं, तो और क्या कहें? वक्त की नजाकत देखिए, 90 के दशक में गाना पसंद नहीं आने पर रेडियो जॉकी को कोई बिका हुआ नहीं कहता था। उस कालखंड के लोग आज से अधिक खुश रहते थे। बेशक हमने अधिक ज्ञान प्राप्त कर लिया है। पर, हमारी नकारात्क सोच की वजह से यही ज्ञान आज हमे तनाव की दलदल में धकेल रहा है।

बात सिर्फ न्यूज तक सिमित नहीं है। बोलने या लिखने वाले सभी पर यह थ्योरी समान रूप से लागू होता है। पसंद का नहीं हुआ तो एैसी की तैसी…। यह जमात सभी विचारधारा में समान रूप से अपना अगल हैसियत बना चुका है। खुद को इंटोलैक्चुअल विचारधारा का स्वांग भरते हुए, दूसरे को गलत ठहराना, मानो जन्म सिद्ध अधिकार बन गया हो। ज्ञानी ऐसा, कि कालजयी पुरुष का कद भी इनके सामने बौना हो जाए। ये इतिहास को अपने नजरिए से पढ़ते है। आधुनिक काल से प्रचीन काल की तुलना करते है। संविधान की जय बोलते है, पर उसको समग्रता में समझने को तैयार नहीं है। विज्ञान की वकालत करते है और विशेष ज्ञान को भूल जाते है।

अब इसको क्या कहेंगे… डेमोक्रैसी? दरअसल, डेमोक्रैसी में सभी की सुनने के बाद बहुमत से फैसला करने की परंपरा रही है और एक बार निर्णय हो गया तो वही सर्व मान्य होगा। पर, यहां तो कोई किसी की सुनने को तैयार नहीं है। चाहत ये है कि मैंने जो कहा दिया… उसी को फाइनल मान लिया जाए। अन्यथा फैसला चाहे जो हो… हमारा विरोध जारी रहेगा। क्या यह आरिस्टोक्रैसी नहीं है? सवाल उठता है कि डेमोक्रैसी के सात दशक बीत जाने के बाद, आरिस्टोक्रैसी की प्रवृति का बलबति होना क्या संकेत देता है? क्या हमारे देश में अभिव्यक्ति की आजादी… डेमोक्रैसी पर भारी पड़ने लगा है? विचारधारा, कभी फरमाइसी नहीं हो सकता है। इसी प्रकार दूसरे की विचारधारा को ठेस पहुंचाना… अभिव्यक्ति की आजादी नहीं हो सकता है। इससे सिर्फ और सिर्फ तनाव पनपेगा और यही तनाव अपनी पराकाष्टा पर पहुंच गया तो विनाश की पटकथा लिख देगा। यानी जो बाते आप खुद के लिए सुनना पसंद नहीं करते है। वहीं बातें दूसरो के लिए कहना कहा तक उचित है? किसी को अपमानित करके सम्मानित होने का ख्वाब, कभी पूरा नहीं होता है। अर्थात, सम्मान उसी को मिला है, जिसने दूसरे को सम्मान दिया हो। जाहिर है यह तभी सम्भव होगा, जब फरमाइसी विचारधारा का त्याग करके समग्र विचारधारा का अध्ययन किया जाये। तभी खुद के लिए बेहतर मार्ग की तलाश, सम्भव हो पायेगा।

This post was last modified on नवम्बर 27, 2020 7:18 अपराह्न IST 19:18

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Kaushlendra Jha

कौशलेन्द्र झा, KKN Live के संपादक हैं और हिन्दुस्तान (हिन्दी दैनिक) के लिए लगातार लेखन कर रहे हैं। बिहार विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने पत्रकारिता में तीन दशकों से अधिक का अनुभव अर्जित किया है। वे प्रात:कमल, ईटीवी बिहार-झारखंड सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़े रहे हैं। सामाजिक कार्यों में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही है—वे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संघ (भारत) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और “मानवाधिकार मीडिया रत्न” सम्मान से सम्मानित किए जा चुके हैं। पत्रकारिता में उनकी गहरी समझ और सामाजिक अनुभव उनकी विश्लेषणात्मक लेखन शैली को विशेष बनाती हैं।

Share
Published by
Tags: Fatal trend pharmacy ideology

Recent Posts

  • Muzaffarpur

बिहार में होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन

बिहार में कैंसर के इलाज के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। प्रधानमंत्री… Read More

अगस्त 22, 2025 5:26 अपराह्न IST
  • Crime

मुंबई पुलिस ने 60 करोड़ रुपये के साइबर फ्रॉड रैकेट का भंडाफोड़ किया, 12 आरोपी गिरफ्तार

मुंबई पुलिस ने हाल ही में एक बड़े साइबर फ्रॉड रैकेट का खुलासा किया है,… Read More

अगस्त 22, 2025 5:13 अपराह्न IST
  • Society

Neuroscientist के सुझाए 5 Tips: सपनों को हकीकत बनाने का विज्ञान

आजकल सोशल मीडिया पर Manifestation शब्द काफी ट्रेंड कर रहा है। इसका मतलब है Law… Read More

अगस्त 22, 2025 4:59 अपराह्न IST
  • Politics

राहुल गांधी की सुरक्षा बढ़ाने की मांग, अजय राय ने अमित शाह को लिखा पत्र

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने केंद्रीय गृह मंत्री… Read More

अगस्त 22, 2025 4:23 अपराह्न IST
  • New Delhi

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मेनका गांधी की प्रतिक्रिया: ‘फीडिंग ज़ोन से मिलेगी राहत

भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता और पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के… Read More

अगस्त 22, 2025 4:04 अपराह्न IST
  • Politics

विजय ने मदुरई ईस्ट से चुनाव लड़ने का किया ऐलान, DMK-BJP पर बोला हमला

तमिल सुपरस्टार और तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) के अध्यक्ष विजय ने 2026 तमिलनाडु विधानसभा चुनावों… Read More

अगस्त 22, 2025 3:50 अपराह्न IST