KKN गुरुग्राम डेस्क | बजट 2025 के आते ही, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने रोटी (भोजन), कपड़ा (वस्त्र), और मकान (आवास) की बढ़ती लागत को हल करने की एक बड़ी चुनौती है। महंगाई, स्थिर आय और आपूर्ति शृंखला की बाधाओं के कारण ये तीन प्रमुख क्षेत्र दबाव में हैं। आगामी बजट से करोड़ों लोगों को राहत और स्थायी समाधान की उम्मीद है।
खाद्य महंगाई ने एक गंभीर समस्या खड़ी कर दी है। हाल के आंकड़े चिंताजनक हैं:
भारत में घर खरीदना अभी भी एक सपना है क्योंकि 2024 में मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में संपत्ति की कीमतों में 13-30% की वृद्धि हुई। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत स्वीकृत 1.2 करोड़ घरों में से केवल 91 लाख घर ही पूरे हुए हैं।
45 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार देने वाला वस्त्र क्षेत्र घरेलू मांग में कमी और बढ़ती लागत से जूझ रहा है।
रोटी, कपड़ा, मकान की लागत का संकट भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाल रहा है। बजट 2025 को त्वरित राहत और दीर्घकालिक सुधारों के बीच संतुलन बनाना होगा।
क्या बजट 2025 इन उम्मीदों पर खरा उतरेगा? पूरा देश बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
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