गत वष जुलाई से कश्मीर घाटी आतंक के साये में जल रहा है। हिंसा की घटनाएं बढ़ी है और सेना पर हमले बढ़े है। दरअसल, गत वर्ष के जुलाई मे ऐसा क्या हुआ? स्मरण रहें कि 8 जुलाई को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की सेना के साथ हुये मुठभेड़ में मौत हो गई थी और इसके बाद हालात लगातार बिगड़ते चले गये। इस हालात के लिए पाकिस्तान के नापाक इरादे किसी से छिपे नहीं हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और वहां के आतंकी संगठन कश्मीर में हिंसा के लिए आर्थिक मदद पहुंचा रहें हैं।
पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देकर और घाटी के पत्थरबाजों को फंडिंग देकर इस मसले को जिंदा रखना चाहता है। पाकिस्तान घाटी में पत्थरबाजों को कैशलेस फंडिंग कर रहा है। एक न्यूज चैनल ने अपने खुफिया सूत्रों के हवाले से दावा किया कि पाकिस्तान इन पत्थरबाजों को पैसा देने के लिए उसी वस्तु विनिमय प्रणाली का सहारा ले रहा है, जिसके जरिए लोग पहले व्यापार करते थे। कई ट्रक पाक अधिकृत कश्मीर से श्रीनगर सामान लेकर आते-जाते हैं। इन्हें ट्रकों के जरिए पत्थरबाजों को पैसा पहुंचाया जाता है।
इसके अतिरिक्त जुलाई 2016 में आईबी की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि घाटी में हिंसा के लिए करीब 100 करोड़ रुपये हवाला के जरिए पाकिस्तान से कश्मीर भेजा जाता है। यह फंड सुरक्षा बलों के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शनों व पत्थरबाजी के लिए बांटे जातें हैं। एनआईए को सूचना मिली है कि धर्मार्थ संगठनों के जरिए आंतकी जमात उद दावा और लश्कर ए तैयबा फलह ए इंसानियत संगठन पाक में लाखों रुपये का चंदा उगाही करके उसे कश्मीर भेज देते हैं।
This post was published on अप्रैल 18, 2017 16:24
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