Health

क्यों ह्रदयाघात (Heart Attack) आज एक आम समस्या बन गई हैं ?

आज हृदयघात (Heart Attack) एक आम समस्या बन गई है। चाहे व्यक्ति किसी भी उम्र का हो हृदयघात आज सबको प्रभावित कर रहा है। आखिर हृदयघात (Heart Attack) क्या है? क्या हृदयघात के बढ़ती समस्या के  लिए हमारी बदलती दिनचर्या जिम्मेवार है? क्या मानसिक तनाव हृदयघात (Heart Attack)  का एक बड़ा  कारण है? इसके प्रभाव को कैसे काम किया जा सकता है?

ह्रदयाघात (Heart Attack) क्या है?

डॉक्टर के अनुसार, दिल का दौरा हमारे हृदय के रक्त धमनियों मे थक्का बनने या कोई अवरोध उत्पन्न होने की वजह से होता है। दिल का दौरा या मायोकार्डियल इन्फेक्शन के कारण, दिल में रक्त प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। रक्त प्रवाह अवरुद्ध होने की वजह से पर्याप्त मात्र मे आक्सिजन हृदय तक नहीं पहुच पाता है और दिल का दौरा पर सकता  है। रक्त धमनियों मे प्लाक (Plaque) बनना या  कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) सहित वसा जमा हो जाना हृदयघात (Heart Attack)  का एक बड़ा कारण है।  अचानक उत्पन्न अवरोध  के कारण कोरोनरी धमनियां संकीर्ण हो सकती हैं, जिससे दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। अधिकांश दिल के दौरे घातक हो सकते हैं और इसलिए, उन्हें तत्काल चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है।

सिद्धार्थ शुक्ला के असामयिक निधन ने सभी को सदमे और शोक की स्थिति में डाल दिया। दिवंगत अभिनेता, जो केवल 40 वर्ष के थे, को दिल का दौरा पड़ा और इसके बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। इससे से यह पता चलता है की  हृदयघात (Heart Attack)  सिर्फ बूढ़ों और वयस्कों को ही नहीं बल्कि युवाओ के जीवन को भी प्रभावित कर रहा है। दिल का दौरा, कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) और अन्य हृदय रोग दुनिया भर में एक प्रमुख स्वास्थ्य चिंता बन गई है। हाल ही में युवा आबादी में हृदय संबंधी समस्या काफी बढ़ गई है। डॉक्टरों को अभी तक ऐसी घटना के लिए कोई निर्णायक जवाब नहीं मिला है। उन्होंने किसी तरह कुछ कारकों को डिकोड किया है जो इसके लिए अग्रणी हो सकते हैं।

हृदयाघात (Cardiac Arrest) का क्या कारण है?

हृदय रोग अनादि काल से मौजूद है। पहले से मौजूद हृदय रोगियों को छोड़कर, आज  हृदय रोग ने युवा आबादी को ज्यादा प्रभावित किए हुआ  है। इसने चिंताएं बढ़ा दी हैं और लोगों को इसके पीछे का कारण सोचने पर मजबूर कर दिया है।

  • व्यस्त जीवन शैली
  • अनियमित समय पर भोजन करना
  • मसालेदार भोजन तथा जंक फूड आदि का सेवन
  • बढ़ते मोटापा की समस्या
  • मानसिक तनाव
  • उच्च रक्तचाप

हालांकि दिल के दौरे का अनुभव करने के लिए कोई निश्चित उम्र नहीं है। लोग किस तरह की जीवनशैली, आहार योजना, कसरत की दिनचर्या  अपना रहे है वो  प्रभावित करता है।

डॉक्टरों के अनुसार, इसके प्रमुख कारण

हृदय रोग विशेषज्ञ के अनुसार, आज के युवा लोगों को पहले से कोई दिल की जांच नहीं करायी जाती है। लोग प्री-कार्डियक चेकअप के बिना जिम करना शुरू कर देते हैं। जिम के दौरान वेट ट्रेनिंग करते हैं, जिससे दिल की मोटाई बढ़ जाती है। लोग  ट्रेडमिल वर्कआउट, क्रॉस ट्रेनिंग करते हैं और  कुछ ऐसे सप्लीमेंट भी लेते हैं जो दिल को नुकसान पहुंचाते हैं।

डॉ. बताते हैं, “जब कोई व्यक्ति बिना तैयारी एक तीव्र तनावपूर्ण घटना या गंभीर शारीरिक परिश्रम से गुजरता है, तो संक्रमण जैसे जैविक तनाव, हृदय पर परिश्रम के कारण पहले से मौजूद रुकावटों के पास थक्के बनने के कारण दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।”

डॉ. कहते हैं, पिछले एक दशक में दिल की बीमारियों में वृद्धि हुई है और यह सोचने  योग्य है। पिछले साल मामलों में वृद्धि अधिक चिंताजनक है। ज्यादातर स्वास्थ्य पेशेवर इस वृद्धि को कोविड -19 का प्रत्यक्ष परिणाम समझते हैं, क्योंकि यह रोग रोगी की रक्त वाहिकाओं को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।

क्या व्यायाम और संतुलित भोजन पर्याप्त है? या आनुवंशिक कारक भी एक महत्वपूर्ण

भूमिका निभाते हैं?

इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक स्वस्थ जीवन शैली हृदय रोगों को रोक सकती है। यह  मधुमेह, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और हाइपरग्लेसेमिया जैसी अन्य पुरानी बीमारियों के विकास के जोखिम को भी कम कर सकती है। नियमित व्यायाम और उचित आहार निश्चित रूप से बीमारियों को दूर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। डॉ. कहते हैं कि भारतीय आबादी का एक बड़ा वर्ग आनुवंशिक रूप से इन जटिलताओं का शिकार है, जिससे हृदय रोग होता है। “हृदय रोग का यह अनुवांशिक संचरण आमतौर पर मुख्य रूप से माता के बजाय पिता के माध्यम से प्रसारित होता  है”। इसे देखते  हुए, आगे इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि पिछली पीढ़ी में माता-पिता के माध्यम से आनुवंशिक संचरण युवा पीढ़ी को प्रभावित करता है। जब आनुवंशिक पैटर्न सेट हो जाता है, तो हृदय रोग को पूरी तरह से रोकने के लिए बहुत कुछ नहीं किया जा सकता है। लेकिन फिर भी इसके जोखिम कारकों को कम करने की कोशिश  की  जा सकती  है।

क्या मानसिक तनाव भी इसका एक बड़ा कारण हैं?

हृदय रोगों को अक्सर तनाव और चिंता से जोड़ा जाता है। अध्ययनों से पता चला  है कि लंबे समय तक तनाव से उच्च कोर्टिसोल का स्तर एक व्यक्ति को उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स, रक्त शर्करा के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकता है। और यह उच्च रक्तचाप के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।

हृदयघात (Heart Attack) के प्रभाव को कैसे कम किया जा सकता है?

  • कोलेस्ट्रॉल तथा  रक्तचाप को नियंत्रित रखने की कोशिश करे
  • मोटापा को नियंत्रित करे
  • व्यायाम  को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाए
  • धूम्रपान तथा शराब के सेवन से बचे
  • मानसिक तनाव से बचे

This post was published on जनवरी 26, 2022 16:38

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Show comments
Published by
Shanaya

Recent Posts

  • Videos

तीन तलाक पर हैदराबाद के मुस्लिम महिलाओं का असंतोष क्या वोट के बिखराव का कारण बनेगा…

हैदराबाद को हॉट सीट बनाने में बीजेपी के महत्वपूर्ण भूमिका से इनकार नहीं किया जा… Read More

अप्रैल 17, 2024
  • Videos

Jubba Sahani रेलवे स्टेशन के इस परिस्थिति का जिम्मेदार कौन?

Jubba Sahani रेलवे स्टेशन के इस परिस्थिति का जिम्मेदार कौन? https://youtu.be/k8dMmRv8BB8   Read More

अप्रैल 16, 2024
  • Videos

किस बात पर Meerut में हुआ TV के राम Arun Govil का विरोध

किस बात पर Meerut में हुआ TV के राम Arun Govil का विरोध... https://youtu.be/8-OUemIFGG8 Read More

अप्रैल 13, 2024
  • Videos

Rohini Acharya : मुझे लग रहा है की मैं अपने मायके आ गई हूँ।

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य इन दिनों सुर्खियों में है। रोहिणी… Read More

अप्रैल 11, 2024
  • Politics

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फिसली जुबान या कमजोर हो गई यादाश्त, चार सौ नहीं बल्कि चार हजार पार कराने का क्यों किया दावा

चार लाख कहना चाह रहे थे मुख्यमंत्री KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार… Read More

अप्रैल 10, 2024
  • Videos

Vaishali में होगा घमासान…परिणाम चौकाने वाला हो सकता है

Bihar के Vaishali को गणतंत्र की जननी कहा जाता है। बौद्ध और जैन धर्म के… Read More

अप्रैल 10, 2024