पाचन यानी डाइजेशन हमारे शरीर की सबसे ज़रूरी प्रक्रियाओं में से एक है। यह लगातार काम करता है—खाने को तोड़ना, पोषक तत्वों को अवशोषित करना और फिर शरीर को ऊर्जा देना। लेकिन अक्सर लोग अपनी दिनचर्या में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो इस नाजुक सिस्टम को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाती हैं। नतीजा होता है—कब्ज, गैस, ब्लोटिंग और लंबे समय में क्रॉनिक डाइजेस्टिव डिसऑर्डर्स।
गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी एक्सपर्ट्स का कहना है कि डाइजेस्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंचाने वाली सबसे बड़ी वजहें हमारी ही रोज़मर्रा की आदतें हैं। ये आदतें ना सिर्फ सामान्य बाउल मूवमेंट को बिगाड़ देती हैं बल्कि पोषण अवशोषण और गट हेल्थ पर भी बुरा असर डालती हैं। आइए जानते हैं कौन-सी 8 Habits हैं जो पाचन क्रिया को नुकसान पहुंचा रही हैं।
बहुत से लोग खाने को फटाफट खत्म कर लेते हैं। इससे फूड ठीक से चब नहीं पाता और पेट पर दबाव बढ़ता है। नतीजा गैस, अपच और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं। जब हम धीरे-धीरे खाते हैं तो ब्रेन को सिग्नल मिलता है कि पेट भर चुका है और ओवरईटिंग से भी बचाव होता है।
Breakfast, lunch या dinner छोड़ना डाइजेस्टिव रिदम को बिगाड़ देता है। भूख ज्यादा लगने पर लोग अचानक ज्यादा खा लेते हैं जिससे पाचन पर दबाव बढ़ता है। अनियमित टाइमिंग से गट हेल्थ भी बिगड़ती है और कब्ज, एसिडिटी जैसी दिक्कतें बढ़ती हैं।
एक बार में बहुत ज्यादा खाना पाचन तंत्र को थका देता है। खासकर Fried और Ultra Processed फूड्स को पचने में काफी वक्त लगता है। इससे पेट पर प्रेशर बढ़ता है और Acid Reflux जैसी दिक्कतें सामने आती हैं। साथ ही गट बैक्टीरिया का संतुलन भी बिगड़ता है।
Hydration डाइजेशन के लिए बेहद ज़रूरी है। पानी की कमी से स्टूल हार्ड हो जाता है जिससे कब्ज और ब्लोटिंग की समस्या बढ़ती है। पर्याप्त पानी पीने से बाउल मूवमेंट स्मूद रहता है और पाचन बेहतर होता है।
ज्यादा शराब पीना या दिनभर कई कप कॉफी-चाय पीना पेट और आंतों को नुकसान पहुंचाता है। Alcohol आंतों में गुड बैक्टीरिया को कम करता है जबकि ज्यादा Caffeine acidity और dehydration बढ़ाता है। दोनों ही आदतें लंबे समय में पाचन को कमजोर करती हैं।
कई लोग देर रात भारी खाना खाते हैं। इससे बॉडी को पचाने का समय नहीं मिलता और Acid Reflux की दिक्कत बढ़ जाती है। बेहतर है कि सोने से 2-3 घंटे पहले dinner कर लिया जाए।
बाथरूम जाने की urge को रोकना पाचन पर बुरा असर डालता है। इससे कब्ज, आंतों पर दबाव और Hemorrhoids तक की समस्या हो सकती है। जब भी urge महसूस हो, तुरंत टॉयलेट जाना जरूरी है।
Sedentary lifestyle यानी घंटों बैठे रहना भी digestion बिगाड़ता है। फिजिकल एक्टिविटी मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाती है और बाउल मूवमेंट को नियमित रखती है। हल्की वॉक भी डाइजेशन सुधारने में मददगार है।
पाचन क्रिया को सही रखने के लिए lifestyle में छोटे बदलाव करना बेहद ज़रूरी है। धीरे-धीरे खाना, समय पर भोजन, junk food से परहेज, पर्याप्त पानी, शराब और caffeine से दूरी, समय पर सोना और regular physical activity—ये सब आपकी डाइजेशन को मजबूत बनाते हैं।
एक healthy gut सिर्फ पाचन ही नहीं बल्कि इम्यून सिस्टम और संपूर्ण सेहत की नींव है। अगर आज से ही गलत आदतें छोड़ दी जाएं तो कल लंबे समय तक बीमारियों से बचा जा सकता है।
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