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तेज आवाज में गाना बजाने पर होगी कारवाई

आरोपित पर दर्ज होगा एफआईआर

बिहर की पुलिस ने ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए कमर कस लिया है। अब किसी विवाह समारोह या धार्मिक समारोह सहित अन्य किसी भी जश्न के मौके पर तेज ध्वनि का प्रसारण करने वालों की खैर नहीं है। पकड़े जाने पर ऐसे लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी और ध्वनिविस्तारक यंत्र को जब्त कर लिया जायेगा। इसी के साथ आरोपित को जेल की सजा हो सकती है और जुर्माना की रकम भी अदा करना पड़ सकता है।

पुलिस को मिला ध्वनिमापक यंत्र

बहरहाल, बिहार पुलिस को प्रथम किश्त में 20 ध्वनि मापक यंत्र उपलब्ध करा दिया गया हैं। पुलिस मुख्यालय के अधिकारी के मुताबिक पुलिस उस स्थान की जांज करेंगी, जहां तेज आवाज में गाना बजाया जाता है। गौर करने वाली बात ये है कि इस मामले में पुलिस को स्वत: संज्ञान लेने का अधिकार है। दूसरी ओर यदि तेज आवाज से किसी को परेसानी हो रही है, तो वह भी पुलिस के पास अपना कम्पलेन दर्ज करा सकता है। तेज आवाज में गाना बजने पर इसकी जांच होगी और आरोप की पुष्टि होने पर एफआईआर दर्ज करके ध्वनिविस्तारक यंत्र को जब्त करने के साथ-साथ पुलिस आरोपित को गिरफ्तार कर सकती है।

प्रिंटर से निकलेगा सबूत

पुलिस के पास उपलब्ध ध्वनि मापक यंत्र की खासियत है कि इसमें प्रिंटर लगा हुआ है, जो आवाज की तिब्रता को सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश कर देगी। इस एक यंत्र की कीमत 1.5 लाख रुपये है। नियमानुसार सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा सकता है। किंतु, इस दौरान ध्वनि की तिब्रता 45 डेसीबल से अधिक नहीं होनी चाहिए। स्मरण रहें कि रात के 10 बजे से सुबह के 6 बजे तक लाउडस्पीकर सहित कोई भी ध्वनिविस्तारक यंत्र के इस्तेमाल पर पहले से पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है।

ध्वनि से होने वाले प्रदूषण पर सरकार गंभीर

सरकार का स्पष्ट मानना है कि समारोह करीए। लेकिल, इस मौके पर बजने वाले लाउडस्पीकर से यदि तेज आवाज का प्रसारण हुआ और इससे समीप में रहने वाले किसी को परेसानी हुई तो आपकी मुश्किलें भी बढ़ सकती है। यानी लाउडस्पीकर हो या डीजे। हर हाल में आवाज धीमी रखें। ध्वनि प्रदूषण होने पर पुलिस आपकी पार्टी में खलल डाल सकती है। गली मुहल्लो से लेकर मैरेज हॉल तक इसका ध्यान रखना होगा। पुलिस के पास ध्वनि मापक यंत्र उपलब्ध हो गया है और पुलिस इसके जरिए मौके पर ध्वनि मापेंगी और नियमो की ध्ज्जियां उड़ाने का उसके पास पुख्ता साक्ष्य भी रहेगा। लाउडस्पीकर की आवाज तय सीमा से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अब तक शिकायत मिलने पर पुलिस लाउडस्पीकर बंद करा देती थी। क्योंकि, पुलिस के पास ध्वनि मापने का कोई यंत्र नहीं था। किंतु, अब यंत्र उपलब्ध होने के बाद एफआईआर दर्ज होगा और आपकी मुश्किलें बढ़ जायेगी।

This post was published on जून 6, 2019 11:50

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KKN न्‍यूज ब्यूरो

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