KKN गुरुग्रं डेस्क | हालिया अध्ययन ने यह दावा किया है कि भारत में एनीमिया का मुख्य कारण सिर्फ आयरन की कमी नहीं है। शोधकर्ताओं के अनुसार, अन्य कारक, जैसे विटामिन B12 की कमी, खराब आहार, और वायु प्रदूषण, एनीमिया की समस्या को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस अध्ययन ने एनीमिया से निपटने के लिए अधिक व्यापक नीति हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर दिया है।
कई संस्थानों के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आए:
अध्ययन ने वर्तमान आयरन-केंद्रित दृष्टिकोण की सीमाओं को रेखांकित किया और नीति निर्माताओं को निम्नलिखित उपाय करने की सिफारिश की:
एनीमिया भारत में, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के बीच, एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती है। यह स्थिति, जिसमें रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है, थकान, कमजोर प्रतिरक्षा, और बच्चों में विकासात्मक समस्याओं का कारण बन सकती है। दशकों तक आयरन सप्लीमेंटेशन कार्यक्रम चलाने के बावजूद, एनीमिया की दरें चिंताजनक रूप से अधिक बनी हुई हैं, जिससे एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता बढ़ गई है।
यह अध्ययन भारत में एनीमिया की जटिलता को उजागर करता है। केवल आयरन पर केंद्रित दृष्टिकोण से आगे बढ़ते हुए, सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियों को पोषण, पर्यावरणीय और परीक्षण कारकों को शामिल करने वाली एक व्यापक रणनीति अपनानी होगी। यह बदलाव देश में एनीमिया की समस्या को प्रभावी ढंग से हल करने के लिए आवश्यक है।
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