KKN गुरुग्राम डेस्क | फिल्म जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। अनुभवी अभिनेता राकेश पांडे, जिन्होंने बॉलीवुड, टेलीविजन और भोजपुरी सिनेमा में अपनी दमदार अभिनय से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई, का निधन हो गया है। वह 77 वर्ष के थे। उनके निधन की खबर से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है और सोशल मीडिया पर उनके प्रशंसक और सहकर्मी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
राकेश पांडे ने शनिवार सुबह 8:50 बजे मुंबई के जुहू स्थित आरोग्यनिधि अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह कुछ समय से बीमार थे और अस्पताल के आईसीयू में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया जा रहा है। राकेश पांडे के निधन की खबर से पूरे फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके प्रशंसक और सहकर्मी सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं और उनके योगदान को याद कर रहे हैं।
राकेश पांडे का अंतिम संस्कार शास्त्री नगर श्मशान घाट पर किया गया, जिसमें उनके परिवार के सदस्य और करीबी रिश्तेदार शामिल हुए। उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटी जसमीत और एक पोती हैं, जो इस दुखद घटना से गहरे शोक में डूबे हुए हैं। भले ही राकेश पांडे अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका अभिनय का योगदान हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेगा।
राकेश पांडे ने अपने करियर की शुरुआत 1969 में बासु चटर्जी की फिल्म सारा आकाश से की थी, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा गया था। इस फिल्म से उनके करियर की नींव पड़ी, और फिर वह एक के बाद एक सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए। फिल्मों में आने से पहले राकेश पांडे ने थिएटर में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। उन्होंने भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (FTII), पुणे और भारतेंदु एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट्स से अभिनय की बारीकियां सीखी थीं। इसके अलावा, वह इंडियन पीपल्स थिएटर एसोसिएशन (IPTA) से भी जुड़े रहे थे, जहां उन्होंने अपने अभिनय कौशल को और निखारा।
राकेश पांडे को उनकी आखिरी फिल्म द राइज ऑफ सुदर्शन चक्र (2023) में देखा गया था। इसके अलावा उन्होंने इंडियन, दिल चाहता है, बेटा हो तो ऐसा, चैंपियन, अमर प्रेम, और हिमालय से ऊंचा जैसी कई हिट फिल्मों में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई थीं। इन फिल्मों में उनकी अदाकारी के कारण वह दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हो गए थे।
राकेश पांडे ने टेलीविजन पर भी अपनी एक खास पहचान बनाई थी। उनके कुछ प्रमुख टीवी शो में छोटी बहू, पिया बिना, देवी और प्यार के दो नाम: एक राधा-एक श्याम शामिल हैं। इन शो ने उन्हें घर-घर में प्रसिद्ध कर दिया और उन्होंने टेलीविजन दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई।
इसके अलावा, राकेश पांडे ने भोजपुरी सिनेमा में भी अपने अभिनय का जलवा दिखाया। उनकी 1979 में आई फिल्म बलम परदेसिया ने खूब लोकप्रियता हासिल की थी, और यह फिल्म भोजपुरी सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई। उनकी भोजपुरी फिल्मों में अभिनय को काफी सराहा गया था और वह इस उद्योग के अहम चेहरों में शुमार हो गए थे।
राकेश पांडे भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी। उनका अभिनय कौशल और यादगार किरदार सदा उनके प्रशंसकों के दिलों में जिन्दा रहेंगे। उन्होंने भारतीय सिनेमा और टेलीविजन में जो योगदान दिया है, वह अनमोल रहेगा। उनकी असामयिक मौत ने फिल्म इंडस्ट्री को गहरा शोक में डुबो दिया है, लेकिन उनके द्वारा निभाए गए यादगार किरदार और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
प्रशंसक, सहकर्मी और साथी कलाकार राकेश पांडे को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और उनकी महानता को सलाम कर रहे हैं। उनका निधन एक युग का अंत है, लेकिन उनका योगदान भारतीय फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री में हमेशा जीवित रहेगा।
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