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भारत-पाकिस्तान तनाव का बॉलीवुड पर असर: ‘लाहौर 1947’ और ‘सरजमीं’ के संवेदनशील सीन हटाने की तैयारी

Impact of India-Pakistan Tensions on Bollywood: Makers of ‘Lahore 1947’ and ‘Sarzameen’ Review

KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब बॉलीवुड की बड़ी फिल्मों पर भी दिखाई देने लगा है। सनी देओल की बहुप्रतीक्षित फिल्म लाहौर 1947’ और काजोल की फिल्म सरजमीं’ के निर्माताओं ने संभावित विवाद से बचने के लिए स्क्रिप्ट और कुछ दृश्यों की समीक्षा शुरू कर दी है। यह कदम हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और भारत के जवाबी सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर के बाद उठाया गया है।

लाहौर 1947 में हो सकते हैं बड़े बदलाव

सनी देओल की देशभक्ति फिल्म पर असर

सनी देओल, जो पहले भी ‘गदर’, ‘बॉर्डर’, और ‘मां तुझे सलाम’ जैसी देशभक्ति फिल्मों में नज़र चुके हैं, अब फिल्म लाहौर 1947’ में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। यह फिल्म भारत-पाकिस्तान के विभाजन की पृष्ठभूमि पर आधारित है और इसे राजकुमार संतोषी निर्देशित कर रहे हैं। फिल्म का निर्माण आमिर खान प्रोडक्शन कर रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा हालात को देखते हुए फिल्म के कुछ संवाद और दृश्यों पर दोबारा विचार किया जा रहा है, ताकि फिल्म किसी भी तरह के विवाद से बच सके। फिल्म की स्क्रिप्ट ऐतिहासिक है, लेकिन वर्तमान भारत-पाकिस्तान संबंधों के चलते इसकी प्रस्तुति को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।

सरजमीं के भी कुछ दृश्यों में हो सकता है बदलाव

कश्मीर की पृष्ठभूमि पर आधारित है फिल्म

काजोल, इब्राहिम अली खान और पृथ्वीराज सुकुमारन अभिनीत फिल्म सरजमीं’ को भी मौजूदा राजनीतिक स्थिति के चलते समीक्षा की प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। यह फिल्म कश्मीर की संवेदनशील स्थिति और भारत-पाकिस्तान संबंधों पर आधारित है।

फिल्म के कुछ हिस्सों की फिर से डबिंग की जा रही है ताकि कोई संवाद या दृश्य पाकिस्तान को लेकर विवाद का कारण बने। फिल्म को 30 मई 2025 को रिलीज़ करने की योजना है, लेकिन यह अंतिम निर्णय सेंसर बोर्ड की स्वीकृति और देश के माहौल पर निर्भर करेगा।

ऑपरेशन सिंदूर: फिल्म इंडस्ट्री के रुख में बदलाव की वजह

सेना की कार्रवाई ने बढ़ाई सतर्कता

7 मई 2025 को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित कई आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया। यह जवाब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दिया गया। इस ऑपरेशन की सफलता ने जहां देश में देशभक्ति की भावना को मजबूत किया, वहीं फिल्म निर्माताओं को भी अधिक जिम्मेदार और सतर्क बना दिया है।

फिल्मों में पाकिस्तान या आतंकवाद को लेकर किसी भी गलत व्याख्या से बचने के लिए निर्माताओं ने निर्णय लिया है कि वे रिलीज से पहले सभी संभावित विवादित अंशों की समीक्षा करेंगे।

ऑपरेशन सिंदूर” टाइटल के लिए 30 प्रोडक्शन हाउस की होड़

फिल्मों की दुनिया में बढ़ी देशभक्ति की मांग

ऑपरेशन सिंदूर की लोकप्रियता को देखते हुए करीब 30 फिल्म प्रोडक्शन कंपनियों ने इस नाम को टाइटल के रूप में रजिस्टर कराने की कोशिश की है। इससे साफ है कि फिल्म उद्योग में भी देशभक्ति विषयक कहानियों को लेकर एक नई लहर गई है।

जहां कुछ निर्माता इस विषय पर नई फिल्म बनाने की सोच रहे हैं, वहीं ‘लाहौर 1947’ और ‘सरजमीं’ जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स अपने कंटेंट को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं।

रिलीज डेट को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं

लाहौर 1947 कब आएगी सिनेमाघरों में?

पहले ‘लाहौर 1947′ को 26 जनवरी 2025 को रिलीज करने की योजना थी, लेकिन पोस्ट प्रोडक्शन में देरी के कारण इसे टालना पड़ा। अब इस फिल्म को जून 2025 में रिलीज करने की योजना है। हालांकि, वर्तमान परिस्थितियों के चलते यह डेट भी टल सकती है।

फिल्म में सनी देओल, प्रीति जिंटा, शबाना आज़मी, और अली फज़ल जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं। साथ ही ‘सितारे ज़मीन पर’ के एक अभिनेता भी अहम किरदार में नजर सकते हैं।

सरजमीं की रिलीज पर भी संशय

सरजमीं’ की रिलीज़ डेट 30 मई 2025 तय की गई थी, लेकिन अब फिल्म की टीम दोबारा डबिंग और कुछ तकनीकी सुधारों में लगी है। अगर सेंसर बोर्ड की मंजूरी समय पर मिल जाती है, तो फिल्म निर्धारित तारीख पर ही रिलीज हो सकती है, वरना इसमें देरी भी संभव है।

फिल्मों और राजनीति के बीच संतुलन की चुनौती

राष्ट्रवाद और जिम्मेदारी के बीच तालमेल

हाल के वर्षों में, जैसे-जैसे राष्ट्रवाद की भावना बढ़ी है, वैसे-वैसे देशभक्ति फिल्मों का चलन भी तेज हुआ है। उरी: सर्जिकल स्ट्राइक’, शेरशाह’, और गदर 2’ जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता हासिल की है।

लेकिन अब स्थिति और भी संवेदनशील हो गई है। फिल्मों में अब सिर्फ मनोरंजन बल्कि राजनीतिक संदेश भी देखे जाते हैं। इसलिए फिल्म निर्माताओं को अब अधिक सावधानी बरतनी पड़ रही है।


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