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आमिर खान की फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ का सोशल मीडिया पर बहिष्कार, तिरंगा डीपी और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पोस्ट को बताया गया डैमेज कंट्रोल

Aamir Khan's 'Sitare Zameen Par' Dominates the Box Office

KKN गुरुग्राम डेस्क | बॉलीवुड अभिनेता और निर्माता आमिर खान की फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ अभी रिलीज भी नहीं हुई और उससे पहले ही विवादों में घिर गई है। सोशल मीडिया पर फिल्म के बहिष्कार (#BoycottSitareZameenPar) की मांग जोरों पर है।

यूजर्स का आरोप है कि आमिर खान ने देश के अहम मुद्दों—खासकर हालिया भारत-पाकिस्तान तनाव और ‘ऑपरेशन सिंदूर’—पर अपनी राय नहीं रखी, जिस वजह से वे “राष्ट्रवाद से दूरी” रखने वाले कलाकारों की श्रेणी में आ गए हैं।

प्रोडक्शन हाउस की डीपी बदली, लगा तिरंगा

सोशल मीडिया पर लगातार आलोचनाओं के बीच आमिर खान प्रोडक्शंस ने शुक्रवार को इंस्टाग्राम, फेसबुक और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी प्रोफाइल पिक्चर (DP) बदल दी। पहले जहां कंपनी का अधिकारिक लोगो था, अब वहां भारतीय तिरंगा नजर आ रहा है।

इसके साथ ही बायो में लिखा गया:

“यहां अलग अंदाज है।”

कई लोग इसे फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ का प्रमोशनल टैगलाइन मान रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि यह महज डैमेज कंट्रोल की कोशिश है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर पोस्ट: दिखावा या सम्मान?

बढ़ते दबाव के बीच आमिर खान के प्रोडक्शन हाउस ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर एक पोस्ट किया, जिसमें लिखा गया:

“ऑपरेशन सिंदूर के नायकों को सलाम। हमारे सशस्त्र बलों के साहस, वीरता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए कृतज्ञता। हमारे माननीय प्रधानमंत्री को उनके नेतृत्व और संकल्प के लिए धन्यवाद। जय हिंद।”

हालांकि यह पोस्ट भी यूजर्स के गुस्से को शांत नहीं कर पाई। कई लोगों ने इसे “पब्लिसिटी स्टंट” और “देरी से उठाया गया कदम” करार दिया।

फिल्म का ट्रेलर और बॉयकॉट की शुरुआत

जैसे ही ‘सितारे ज़मीन पर’ का ट्रेलर सोशल मीडिया पर आया, कुछ यूजर्स ने फिल्म की तारीफ, जबकि कईयों ने आमिर की चुप्पी पर सवाल उठाए। कहा गया कि जब देश पर हमला हुआ, तब आमिर खान की ओर से कोई बयान नहीं आया। अब फिल्म रिलीज के समय पर देशभक्ति दिखाना दिखावा लग रहा है।

भारत-पाकिस्तान विवाद की पृष्ठभूमि

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हो गई थी। इसके जवाब में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया और पाकिस्तान व पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया।

पूरा देश भारतीय सेना की वीरता और साहस पर गर्व महसूस कर रहा था। ऐसे में जब कई बॉलीवुड सितारों ने सेना को सलाम किया, आमिर खान की खामोशी लोगों को चुभ गई।

यूजर्स की प्रतिक्रियाएं: समर्थन और विरोध

सोशल मीडिया पर आमिर खान को लेकर दो प्रकार की प्रतिक्रियाएं देखी जा रही हैं।

विरोध में:

  • “देश जब बोल रहा था, आमिर चुप थे। अब फिल्म बेचने आए हैं।”

  • “डीपी में तिरंगा लगाना काफी नहीं, देशभक्ति दिल से होनी चाहिए।”

  • “बॉलीवुड सिर्फ तब जागता है जब उसे नुकसान दिखता है।”

समर्थन में:

  • “फिल्म के संदेश को देखें, राजनीति न बनाएं।”

  • “आमिर खान ने हमेशा सामाजिक मुद्दों पर फिल्में बनाई हैं।”

  • “फिल्म और राजनीति को अलग रखना चाहिए।”

पहले भी विवादों में रहे हैं आमिर खान

यह पहला मौका नहीं है जब आमिर खान को सोशल मीडिया बहिष्कार अभियान का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले ‘लाल सिंह चड्ढा’ (2022) और अन्य फिल्मों को भी उनके पुराने बयानों की वजह से ट्रोल किया गया था।

2015 में उन्होंने “देश में असहिष्णुता” को लेकर बयान दिया था, जो आज भी उनके आलोचकों द्वारा याद किया जाता है।

क्या है ‘सितारे ज़मीन पर’ की कहानी?

फिल्म के ट्रेलर के अनुसार, ‘सितारे ज़मीन पर’ एक भावनात्मक फिल्म है जो बच्चों के संघर्ष, विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों की चुनौतियों को उजागर करती है। फिल्म को आमिर खान की ‘तारे ज़मीन पर’ (2007) का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी माना जा रहा है।

हालांकि फिल्म का विषय संवेदनशील और प्रेरणादायक है, लेकिन मौजूदा विवाद इसके प्रमोशन और रिलीज को प्रभावित कर सकता है।

बॉलीवुड और बॉयकॉट कल्चर

पिछले कुछ वर्षों में बॉलीवुड फिल्मों पर बॉयकॉट ट्रेंड का असर साफ दिखा है:

  • पठान (2023) – धार्मिक भावनाओं के चलते विवाद

  • आदिपुरुष (2023) – पौराणिक चरित्रों की प्रस्तुति पर विरोध

  • लाल सिंह चड्ढा (2022) – आमिर खान की पुरानी टिप्पणियों पर आलोचना

इन सब घटनाओं ने दिखाया है कि आजकल फिल्में सिर्फ सिनेमा नहीं, सामाजिक और राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बन चुकी हैं।

सितारे ज़मीन पर’ एक प्रेरणादायक फिल्म हो सकती है, लेकिन रिलीज से पहले पैदा हुआ विवाद दर्शकों की सोच और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन दोनों को प्रभावित कर सकता है।

आमिर खान जैसे सितारों से लोग सिर्फ अच्छी फिल्में ही नहीं, समय पर स्पष्ट स्टैंड और संवेदनशीलता की उम्मीद भी रखते हैं। अब देखना है कि यह फिल्म बायकॉट की लहर को पार कर पाती है या नहीं


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