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अक्षय कुमार की “स्काई फोर्स” पर स्क्वाड्रन लीडर ए.बी. देवैया के गलत चित्रण को लेकर विवाद

Controversy Surrounds Akshay Kumar's "Sky Force" Over Misrepresentation of Squadron Leader A.B. Devayya

गुरुग्राम डेस्क |  अक्षय कुमार की हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म “स्काई फोर्स” विवादों में घिर गई है। फिल्म पर स्क्वाड्रन लीडर अज्जमाडा बोप्पैया देवैया के गलत चित्रण का आरोप लगाया जा रहा है। यह दावा किया गया है कि फिल्म में उन्हें तमिलियन के रूप में दिखाया गया है, जबकि वह कोडव समुदाय से थे। इस गलत चित्रण को लेकर अभिनेता गुलशन देवैया और अन्य लोगों ने आपत्ति जताई है।

कौन थे स्क्वाड्रन लीडर ए.बी. देवैया?

स्क्वाड्रन लीडर अज्जमाडा बोप्पैया देवैया भारतीय वायुसेना के वीर योद्धा थे, जिन्हें 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान अपनी अद्भुत वीरता के लिए मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। उन्होंने दुश्मन के एक विमान को मार गिराने के बाद अपने जीवन का बलिदान दे दिया। उनका यह साहसिक कार्य कोडव समुदाय और पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

“स्काई फोर्स” पर विवाद क्यों?

“स्काई फोर्स” भारतीय वायुसेना के जवानों की बहादुरी और बलिदान को प्रदर्शित करती है। लेकिन विवाद तब शुरू हुआ जब दर्शकों ने देखा कि स्क्वाड्रन लीडर देवैया से प्रेरित किरदार को फिल्म में तमिलियन के रूप में दिखाया गया है, जबकि वह कर्नाटक के कोडव समुदाय से थे।

अभिनेता गुलशन देवैया, जो खुद कोडव समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, ने सोशल मीडिया पर इस गलत चित्रण पर नाराज़गी जाहिर की। उन्होंने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक नायकों का सही और सम्मानजनक चित्रण होना चाहिए। यह न केवल उनके योगदान को उचित सम्मान देता है बल्कि उनके समुदाय की सांस्कृतिक विरासत को भी बनाए रखता है।

कोडव समुदाय की प्रतिक्रिया

कोडव समुदाय, जो कर्नाटक के कोडागु (कूर्ग) क्षेत्र से ताल्लुक रखता है और भारतीय सेना में अपने योगदान के लिए जाना जाता है, ने इस गलत चित्रण पर कड़ी आपत्ति जताई है।

समुदाय के सदस्यों का कहना है कि यह न केवल उनके वीर नायक का अपमान है, बल्कि उनकी सांस्कृतिक पहचान को भी अनदेखा करता है। कई सैन्य इतिहासकारों और सामुदायिक नेताओं ने इस मामले पर फिल्म निर्माताओं से सुधार की मांग की है।

ऐतिहासिक चरित्रों का सही चित्रण क्यों महत्वपूर्ण है?

हालांकि फिल्मों में नाटकीयता जोड़ने के लिए रचनात्मक स्वतंत्रता ली जाती है, लेकिन जब बात ऐतिहासिक नायकों की होती है, तो सही तथ्य पेश करना अनिवार्य हो जाता है। गलत चित्रण न केवल इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करता है, बल्कि इससे संबंधित समुदायों और उनके गौरवशाली अतीत का भी अनादर होता है।

फिल्म निर्माताओं के लिए अगला कदम क्या हो सकता है?

फिलहाल, “स्काई फोर्स” के निर्माताओं ने इस विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन बढ़ते दबाव के चलते यह जरूरी है कि वे कोडव समुदाय की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए इस पर स्पष्टीकरण दें।

चाहे वह फिल्म में बदलाव के रूप में हो या आधिकारिक बयान जारी करने के रूप में, यह कदम न केवल फिल्म की विश्वसनीयता को बचाएगा, बल्कि दर्शकों का विश्वास भी बनाए रखेगा।

“स्काई फोर्स” से जुड़े विवाद ने यह साबित किया है कि फिल्म निर्माताओं पर ऐतिहासिक नायकों के प्रति एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। स्क्वाड्रन लीडर अज्जमाडा बोप्पैया देवैया का साहस और बलिदान न केवल कोडव समुदाय बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है।

ऐसे नायकों का सही चित्रण न केवल उनके योगदान को सम्मानित करता है, बल्कि उनकी सांस्कृतिक पहचान को भी संरक्षित करता है। फिल्म निर्माताओं को यह समझने की जरूरत है कि इतिहास से जुड़े तथ्यों की सटीकता दर्शकों के साथ एक मजबूत संबंध बनाने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।


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