KKN गुरुग्राम डेस्क | बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान ने आखिरकार हिंदी फिल्मों की लगातार हो रही बॉक्स ऑफिस पर असफलताओं पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में आमिर ने बताया कि आखिर क्यों बॉलीवुड फिल्मों का प्रदर्शन लगातार कमजोर होता जा रहा है, और कैसे दक्षिण भारतीय सिनेमा (South Indian Cinema) से बॉलीवुड को सीखने की जरूरत है।
आमिर खान इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ को लेकर चर्चा में हैं, जो 2007 की उनकी सुपरहिट फिल्म ‘तारे जमीन पर’ का सीक्वल है।
हिंदी सिनेमा की गिरती साख पर आमिर का बड़ा बयान
एबीपी न्यूज़ को दिए गए इंटरव्यू में आमिर खान से जब पूछा गया कि बॉलीवुड फिल्में क्यों लगातार फ्लॉप हो रही हैं, जबकि साउथ की फिल्में पैन इंडिया में जबरदस्त प्रदर्शन कर रही हैं, तो आमिर ने बेबाकी से जवाब दिया।
“सबसे पहले हमें बेहतर फिल्में बनानी होंगी,” आमिर ने कहा। “हमें, खासकर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के निर्देशकों, लेखकों और निर्माताओं को, कंटेंट पर फोकस करना होगा। हमारी स्क्रिप्ट्स में दम नहीं होता और हम दर्शकों से उम्मीद करते हैं कि वो सिनेमाघरों में आएं। जब ऐसा नहीं होता, तो हम जल्दबाज़ी में फिल्म को ओटीटी पर रिलीज़ कर देते हैं।”
ओटीटी प्लेटफॉर्म का असर और COVID-19 का प्रभाव
आमिर खान ने यह भी कहा कि COVID-19 महामारी के दौरान ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म्स ने दर्शकों की आदतों को पूरी तरह बदल दिया है। अब लोग घर बैठे मनोरंजन पसंद करते हैं।
“COVID के समय हमने फिल्में ओटीटी पर डालनी शुरू कीं, जिससे लोगों को सिनेमाघरों से दूर होने की आदत पड़ गई। मुझे लगता है कि अब थिएटर और ओटीटी रिलीज के बीच कम से कम 6 महीने का अंतर होना चाहिए, ताकि दर्शकों को सिनेमाघर की अहमियत फिर से समझ आए।”
आमिर खान ने बताए बॉलीवुड की असफलता के 5 कारण:
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कमजोर स्क्रिप्ट और फॉर्मूला आधारित कहानी
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जल्दीबाजी में ओटीटी पर फिल्म रिलीज करना
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थिएटर में दर्शकों को खींचने की रणनीति की कमी
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दक्षिण भारतीय फिल्मों में नवाचार और भावनात्मक गहराई
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कंटेंट की बजाय स्टार पावर पर अत्यधिक निर्भरता
साउथ सिनेमा से क्या सीखना चाहिए?
आमिर खान ने माना कि तेलुगु, तमिल और कन्नड़ सिनेमा ने भारत में न सिर्फ कंटेंट आधारित सिनेमा दिया, बल्कि दर्शकों को इमोशनली जोड़ने का काम भी किया।
“साउथ इंडस्ट्री प्रयोग कर रही है, नए विषयों पर फिल्म बना रही है, और दर्शकों की समझ का सम्मान करती है। हमें उनसे यह सीखना होगा कि कैसे गंभीर सिनेमा को भी व्यावसायिक रूप दिया जा सकता है।”
आमिर खान की अगली फिल्म: सितारे जमीन पर
आमिर खान अब ‘सितारे जमीन पर’ नामक फिल्म में नजर आने वाले हैं, जो उनकी प्रसिद्ध फिल्म ‘तारे जमीन पर’ का सीक्वल होगी। यह फिल्म 20 जून 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म से जुड़ी मुख्य जानकारियां:
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निर्देशक: आर.एस. प्रसन्ना
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निर्माता: आमिर खान प्रोडक्शंस
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मुख्य कलाकार: आमिर खान, जेनेलिया देशमुख
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संगीत: शंकर–एहसान–लॉय
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गीत: अमिताभ भट्टाचार्य
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शैली: स्पोर्ट्स-ड्रामा
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रिलीज़ डेट: 20 जून 2025
इस फिल्म में आमिर एक बास्केटबॉल कोच की भूमिका में नजर आएंगे, जो 10 छात्रों को न सिर्फ खेल में, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन करता है।
नए कलाकारों को मिलेगा मंच
फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ में 10 नए चेहरों को लॉन्च किया जा रहा है। ये हैं:
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अरूश दत्ता
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गोपी कृष्ण वर्मा
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संवित देसाई
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वेदांत शर्मा
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आयुष भंसाली
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आशीष पेंडसे
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ऋषि शाहनी
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ऋषभ जैन
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नमन मिश्रा
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सिमरन मंगेशकर
यह फिल्म नए कलाकारों के लिए बॉलीवुड में लॉन्चपैड साबित हो सकती है, और यह आमिर के सामाजिक सरोकार और रियलिस्टिक सिनेमा के प्रति जुड़ाव को भी दर्शाती है।
क्या बॉलीवुड वापसी कर सकता है?
आमिर खान का यह बयान निश्चित रूप से बॉलीवुड के लिए एक चेतावनी और अवसर दोनों है। आज का दर्शक सिर्फ बड़े नामों से नहीं, बल्कि असली और असरदार कहानियों से जुड़ता है।
अगर बॉलीवुड अपनी रणनीति में बदलाव लाता है, और कंटेंट को प्राथमिकता देता है, तो फिर से सफलता की राह पकड़ी जा सकती है। आमिर की सितारे जमीन पर एक ऐसी फिल्म हो सकती है जो इस बदलाव की शुरुआत करे।
बॉलीवुड बनाम साउथ इंडस्ट्री: तुलना
पहलू | बॉलीवुड (2020-2025) | साउथ सिनेमा (2020–2025) |
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हिट फिल्मों की संख्या | 5–6 | 15+ पैन-इंडिया ब्लॉकबस्टर |
कहानी में नवाचार | कम | उच्च, जोखिम लेने की प्रवृत्ति |
स्टार पावर बनाम कंटेंट | स्टार केंद्रित | कंटेंट और कहानी को प्राथमिकता |
OTT रिलीज़ नीति | बहुत जल्दी रिलीज | संतुलित और नियंत्रित रिलीज |
दर्शकों से जुड़ाव | घटता हुआ | लगातार बढ़ता हुआ |
आमिर खान का यह बयान न केवल एक अभिनेता के रूप में, बल्कि एक सोचने वाले कलाकार के रूप में आया है। हिंदी सिनेमा को अब आत्ममंथन की ज़रूरत है। नई सोच, नई कहानियां, और दर्शकों की बदलती पसंद को समझना ही बॉलीवुड को दोबारा बुलंदी तक पहुंचा सकता है।
‘सितारे जमीन पर’ शायद वही फिल्म हो जिसे दर्शक लंबे समय से ढूंढ रहे हैं—संवेदनशीलता, यथार्थ और प्रेरणा से भरपूर।
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