जीएसटी परिषद ने हाल ही में बड़ा फैसला लेते हुए जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी पूरी तरह से खत्म कर दिया है। पहले इन पर 18% टैक्स लगता था। इस कदम से लाखों पॉलिसीधारकों को सीधा फायदा मिलेगा।
400 वस्तुओं पर घटाई गई जीएसटी दरें
बुधवार को केंद्र सरकार ने लगभग 400 वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी घटाने का ऐतिहासिक फैसला लिया। सरकार का कहना है कि इसका लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचे, इसके लिए विस्तृत monitoring system तैयार किया गया है।
अप्रत्यक्ष कर विभाग (Indirect Tax Department) वर्तमान कीमतों का डेटा इकट्ठा कर रहा है। 22 सितंबर से नई दरें लागू होने के बाद कीमतों की तुलना की जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि कीमतों में बदलाव दिखने में कुछ दिन लग सकते हैं, लेकिन सरकार की नजर लगातार बनी रहेगी।
सांसदों को सौंपी गई जिम्मेदारी
सरकार ने एनडीए सांसदों को भी निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्रों में सुनिश्चित करें कि कंपनियां लाभ अपने पास न रोकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नवरात्र तक जनता को राहत दिखनी चाहिए और दिवाली तक इसका ठोस असर महसूस होना चाहिए।
बीमा और सीमेंट सेक्टर पर खास ध्यान
जीवन और स्वास्थ्य बीमा को व्यक्तिगत स्तर पर खरीदने पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। पहले इस पर 18% जीएसटी देना पड़ता था। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि टैक्स छूट का पूरा फायदा ग्राहकों तक पहुंचाया जाए, ताकि निजी कंपनियों पर भी दबाव बने।
सीमेंट पर भी बड़ा फैसला लिया गया है। इसकी जीएसटी दर 28% से घटाकर 18% कर दी गई है। इससे प्रत्येक सीमेंट बैग की कीमत 25 से 30 रुपये तक घटने का अनुमान है। यह कदम निर्माण और हाउसिंग सेक्टर को बड़ी राहत देगा।
उद्योग जगत का सहयोग
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उद्योग जगत ने उपभोक्ताओं तक लाभ पहुंचाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है कि कंपनियां लाभ रोक लें, क्योंकि जनता को जीएसटी दरों में कटौती की जानकारी है।
अमूल, मोंडेलेज, गॉदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और कोलगेट जैसी बड़ी कंपनियों ने उपभोक्ताओं तक फायदा पहुंचाने का वादा किया है।
व्यापार मंडलों का समर्थन
फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आनंद गोयंका ने कहा कि संगठन अपने सदस्यों के साथ मिलकर उपभोक्ताओं तक लाभ पहुंचाएगा। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने भरोसा दिलाया कि उद्योग तेजी से कीमतें घटाएगा, जिससे मांग बढ़ेगी और रोजगार के अवसर मिलेंगे।
एसोचैम के अध्यक्ष संजय नायर ने कहा कि यह कदम खपत को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में सकारात्मक चक्र शुरू करेगा।
सरकार का सख्त रुख
हालांकि सरकार के पास anti-profiteering provisions का इस्तेमाल करने का विकल्प है, लेकिन फिलहाल वह चाहती है कि कंपनियां स्वेच्छा से कीमतें घटाएं। अधिकारियों का मानना है कि प्रतिस्पर्धा के चलते अधिकांश कंपनियां उपभोक्ताओं को फायदा देने के लिए मजबूर होंगी।
जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी खत्म करना, सीमेंट पर टैक्स घटाना और 400 वस्तुओं पर दरों में कटौती उपभोक्ताओं और उद्योग दोनों के लिए राहत भरा कदम है।
अब जिम्मेदारी उद्योग जगत की है कि वह इस राहत को जल्द से जल्द आम जनता तक पहुंचाए। सरकार की सख्त निगरानी और त्योहारों के मौसम की टाइमलाइन को देखते हुए आने वाले महीनों में इसका असर बाजार और उपभोक्ताओं की जेब दोनों पर दिखेगा।
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