मीनापुर में धड़ाये दो अभ्यार्थी
KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार में फर्जीवाड़े का धंधा थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। मुजफ्फरपुर जिला के मीनापुर प्रखंड से ऐसी ही एक खबर प्रकाश में आया है। दरअसल, शिक्षक नियोजन फर्जीवाड़े के बाद अब मीनापुर में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर आंगनबाड़ी सेविका के पद पर बहाली का मामला प्रकाश में आया है। डीएम के आदेश पर सीडीपीओ ने फर्जी प्रमाण पत्र वाले दो अभ्यर्थियों की पहचान कर एफआईआर के लिए थाना में आवेदन देने का दावा किया है। दूसरी ओर थानाध्यक्ष ने सीडीपीओ से आवेदन मिलने से ही इनकार कर दिया है। अब सीडीपीओ व थानाध्यक्ष के विरोधाभासी बयान की चर्चा हो रही है।
क्या है मामला
मीनापुर की सीडीपीओ पुष्पा कुमारी ने बताया कि जांच के दौरान मीनापुर थाना के सलेमापुर गांव की पुनम कुमारी और सिवाईपट्टी थाना के घोसौत गांव की रीता देवी का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। नौकरी के लिए दोनों ने बोर्ड ऑफ पब्लिक एग्जामिनेशन केरल के फर्जी प्रमाण पत्र को आधार बनाया था। जांच के दौरान केरल बोर्ड के सचिव ने दोनों प्रमाण के फर्जी होने की पुष्टि कर दी है। इसके बाद से फर्जी प्रमाण पत्र धारकों में हड़कंप मच गया है।
86 लोगो की हो चुकी है बहाली
मीनापुर में 113 सेविका की बहाली होनी है। इसमें 86 की बहाली हो चुका है। वर्तमान में आधा दर्जन अभ्यार्थी के प्रमाण पत्र की जांच पूरी हो गई है और इसमें दो प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। जबकि, 80 अभ्यार्थी का प्रमाण अभी जांच होना बाकी है। इससे पहले केरल के प्रमाण पत्र वाले चार अन्य अभ्यार्थी को पहले ही छटनीग्रस्त कर दिया गया था।
This post was published on जनवरी 21, 2020 12:51
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