पुलिस के कानून पर भारी पड़ा समाजिक दबाव
संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर। चकजमाल गांव मे कम्प्युटर इंजिनियर की पत्नी को बेहोश कर बदसूलकी करने वाले कथित फकीर को आखिरकार पुलिस को छोड़ना पड़ा। पुलिस के कानून पर समाजिक दबाब भारी पड़ा। ऐसा नही है की वह फकीर यहां से बाहर भाग गया है। स्थानिय लोगो की माने तो वह पुराने अड्डे पर लौट गया है। जहां पर वह झाड़फूक के लिये चर्चित है। उसको छोड़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण समाजिक फूट है। जहां एक पक्ष पीड़िता के पक्ष मे गोलबंद थे। वही दूसरा पक्ष फकीर के पक्ष मे खड़े थे। थाने पर पीड़िता व फकीर के पहुचने के बाद हंगामा भी हुआ। पीड़िता को सदर अस्पताल मे भर्ती भी कराया गया। किंतु शुक्रवार की देर रात फकीर को पुलिस हिरासत से छोड़ दिया गया। पुलिस इंस्पेक्टर संजय कुमार ने बताया कि उन्हे प्राथमिकी के लिये कोई आवेदन नही मिला है। दोनो पक्ष आपस मे फैसला कर उनके पास आये थे कि वह केश नही करना चाहते है। आपस मे दोनो ने लिखित समझौते कर लिये। दुसरी ओर पीड़िता के देवर ने बताया कि उसके पिता ने आवेदन दिया था। किंतु उन्हे फकीर के छोड़ने के बारे मे जानकारी नही है। वह निजी कारणो से कांटी मे है। बताते चले कि नवादा के रहने वाले फकीर दो माह से चकजमाल गांव मे रह कर झाड़फूक किया करते थे। वह पंद्रह दिन से इसी गांव के महिला जो कोलकता मे रहती थी बुलवाकर झाड़फूक करता था। इस महिला के पति सउदी अरब मे रहते है। शुक्रवार की सुबह आपत्तिजनक अवस्था मे पकड़ कर ग्रामीणो ने फकीर को पुलिस के हवाले कर दिया। किंतु दो गुटो मे बंटने के कारण उसे छोड़ दिया गया।
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