गांव वालो को पौधा किया गिफ्ट, फिर लिया मंगलमय का आशीर्वाद
संतोष कुमार गुप्ता
समस्तीपुर। सात फेरो के सातो वचन प्यारी दुल्हनिया भूल ना जाना। किंतु बिहार के समस्तीपुर मे दुल्हा व दुल्हन ने सिर्फ यह वचन अपने लिये ही नही बल्कि प्रकृति के रक्षा के लिये लिया।उसने सात फेरो के मंत्र पढने से पहले सात गांवो मे पौधा लगाया। इसके बाद सात फेरे लेकर जीवनसंगीनी के साथ जन्म जन्म का साथ निभाने का संकल्प लिया। बिहार के समस्तीपुर जिले के मोहनपुर प्रखंड के रामचंद्रपुर दशहरा गांव के युवाओं ने हरियाली के लिए जो मुहिम चला रखी है, उसमें एक और कहानी जुड़ गया। पांच सालों से इस गांव के बेटियों के विवाह में पेड़ लगाने की परम्परा है।
पिछले पांच सालों में शायद ही कोई विवाह हुआ हो, जिसमें विदा होनेवाली बेटी ने गांव में पेड़ लगा कर अपनी याद को सुरक्षित न किया हो । रविवार (21 मई) की देर शाम यह मुहिम बेटे के विवाह तक पहुंच गयी ।
रामचंद्रपुर दशहरा के कारू साह का 21 वर्षीय पुत्र संजीव साह दर्जनों बरातियों को लेकर मोहिउद्दीननगर प्रखंड के लखिंद्र साह की पुत्री समृता कुमारी को ब्याहने के लिए निकला और सात फेरे लेने के पहले सात गांवों में पौधे लगाये। दूल्हे के साथ सभी बराती भी साइकिल से निकले । सभी की साइकिलों पर पौधे लदे थे । दशहरा गांव से निकलनेवाली यह अपनी तरह की पहली बरात थी ।
बरातियों और दूल्हे के माथे पर पाग शोभ रहे थे । न डीजे, न किसी प्रकार का कोई विशेष तामझाम । महिलाएं पारंपरिक लोकगीत गा रही थीं। महज औपचारिकतावश एक पारंपरिक बैंड पार्टी बुलायी गयी थी । बराती के लोग निर्धारित जगहों पर पौधारोपण करते हुए निकल़े
अपने गांव से दिल्ली तक साइकिल यात्रा
संजीव साह के लिए अपने विवाह में इस प्रकार का नवाचार अपनाना आसान नहीं था । गांव के पर्यावरणसेवी युवक सुजीत भगत ने अपनी बहन के विवाह से पौधारोपण की जो पहल शुरू की थी, उसमें संजीव साह ने खास भूमिका निभायी थी ।
जब सुजीत भगत के नेतृत्व में पर्यावरण और बेटी बचाने का संदेश लेकर रामचंद्रपुर दशहरा के 14 युवाओं के दल ने दिल्ली तक साइकिल यात्रा की थी, उसमें संजीव साह शामिल था । अपने विवाह की बारी आयी, तो संजीव के लिए अपने और दुल्हन के परिजनों को मनाना आसान नहीं था ।
विवाह में फिजूलखर्च पर नियंत्रण रखने के लिए दूल्हे ने तरीके बताये । सामान्य से भोज में केले के पत्ते और मिट्टी के बरतन में खान-पान परोसे जाने की जिद लड़कीवालों को माननी पड़ी ।
क्या कहते है वर वधु
शादी के नाम पर फिजुलखर्ची हो रही है, जिससे हजारों परिवार तंगी के शिकार बन रहे हैं। वर्तमान परिवेश में ग्लोबल वार्मिंग और तेजी से घट रहे लिंगानुपात को देखते हुए पर्यावरण संरक्षण और बेटी बचाओ अभियान का संदेश देने के िलए ऐसा निर्णय लिया।
संजीव साह, दूल्हा
समाज के हित में उठाये गये इस कदम का मैंने और मेरे परिवार के सदस्यों ने समर्थन किया. मैं अपने पति के निर्णय से खुश हूं. आगे भी उनकी मुहिम में मैं कंधे-से-कंधा मिला कर चलूंगी।
लड़कीवालों को भेंट किये पौधे
साइकिल पर पौधे लादे हुए बरातियों के साथ दूल्हा जब ससुराल पहुंचा, तो यह अनोखी शादी देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी़ दूल्हे ने ससुराल में पौधे लगाने से पूर्व रास्ते भर पौधारोपण किया ।
सात फेरे लेने से पूर्व बोथपुल, दशहरा, पीरगंज, कुरसाहा, बाकरपुर समेत सात गांवों में पौधे लगाये. दूल्हे के लाये गये पौधों के अतिरिक्त दुल्हन ने भी कई और पौधे लगाये। बरातियों ने अपने साथ ले गये पौधे लड़कीवालों को भेंट किये। पौधों और बेटी की रक्षा करने का वचन लिया।
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