KKN गुरुग्राम डेस्क | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय बिहार दौरे की शुरुआत शुक्रवार को बिक्रमगंज, रोहतास से की, जहां उन्होंने राज्य को ₹48,500 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कर बिहार के बुनियादी ढांचे को नई गति देने का संकल्प दोहराया।
सभा का आयोजन 444 एकड़ में बनाए गए भव्य पंडाल में किया गया था।
प्रधानमंत्री के स्वागत में पुष्पवर्षा की गई, जिसके लिए फूल कोलकाता और पटना से मंगवाए गए थे।
सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम के तहत 4,000 से अधिक जवान तैनात किए गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कई बड़ी योजनाओं का उद्घाटन किया, जिनका उद्देश्य सड़क, रेल और शैक्षणिक आधारभूत ढांचे को मजबूत करना है:
यह सड़क राजधानी पटना से गया और डोभी को जोड़ती है, जिससे यात्रा समय कम होगा और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
ट्रैफिक दबाव कम करने और सुगम आवागमन के लिए यह परियोजना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
रेल सुरक्षा और संचालन की गति को सुधारने हेतु इस तकनीक का उपयोग किया गया है।
रेल यातायात को सुचारू रखने के लिए तीसरी लाइन बिछाई गई है।
छात्रों और स्टाफ के लिए बेहतर सुविधा प्रदान करने हेतु इनका उद्घाटन किया गया।
प्रधानमंत्री ने कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया, जो भविष्य में बिहार की तस्वीर बदल सकती हैं:
तीन यूनिट, हर एक 800 मेगावाट की होगी। यह परियोजना बिहार को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी।
₹531 करोड़ की लागत से बनने वाला यह पुल उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।
बिहार के भीतर बेहतर सड़क संपर्क के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण योजना है।
5 टर्मिनल प्लेटफॉर्म विकसित किए जाएंगे, जिससे रेलवे यातायात में तेजी आएगी।
इस फोरलेन सड़क से व्यापार और यातायात दोनों को गति मिलेगी।
पूर्वी भारत को जोड़ने के लिए यह हाइवे महत्वपूर्ण आर्थिक धुरी बनेगा।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने कोई कसर नहीं छोड़ी:
कुल 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे।
250 से अधिक चेक प्वाइंट बनाए गए थे, जहां दंडाधिकारी और पुलिस अधिकारी तैनात थे।
सभा स्थल पर अस्थायी थाना, 10 फायर ब्रिगेड वाहन और एम्बुलेंस भी उपलब्ध थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई योजनाएं बिहार को नई ऊंचाई तक ले जा सकती हैं:
बिजली, सड़क और रेलवे परियोजनाएं स्थानीय और अंतरराज्यीय व्यापार को नई रफ्तार देंगी।
नई परियोजनाओं से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के हजारों अवसर उत्पन्न होंगे।
नवीनगर पावर प्रोजेक्ट से राज्य में 24 घंटे बिजली आपूर्ति संभव हो सकेगी।
बिक्रमगंज का यह दौरा राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है क्योंकि यह 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले हो रहा है। इस सभा के ज़रिए प्रधानमंत्री ने एक बार फिर यह संकेत दिया कि बिहार को लेकर केंद्र सरकार कितनी गंभीर और प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा केवल एक राजनीतिक यात्रा नहीं थी, बल्कि यह बिहार को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने का प्रयास है। ₹48,500 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास राज्य को सशक्त, आधुनिक और स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
This post was last modified on मई 30, 2025 10:02 पूर्वाह्न IST 10:02
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