बिहार में मौसम का मिजाज इस हफ्ते बदलता हुआ नजर आ रहा है। India Meteorological Department (IMD) के मुताबिक राज्य में अगले चार से पांच दिनों तक rainfall activity में कमी दर्ज की जाएगी। इस दौरान अधिकतम तापमान दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है।
मंगलवार को पश्चिमी बिहार, उत्तर-पूर्वी बिहार और दक्षिण-मध्य हिस्सों में एक-दो स्थानों पर गरज-तड़क के साथ तेज हवाएं चलने की चेतावनी जारी की गई है। वहीं दक्षिण-पश्चिम जिलों में केवल बादल छाए रहने की संभावना है। बारिश की व्यापक गतिविधि की संभावना बेहद कम बताई गई है।
सोमवार को पटना समेत आठ जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। दरभंगा और सुपौल में बूंदाबांदी दर्ज की गई। हालांकि बारिश के बावजूद ज्यादातर शहरों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि उत्तरी भारत से मानसून की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो रही है, जिसका असर बिहार पर भी दिख रहा है।
पटना में मंगलवार को आंशिक तौर पर बादल छाए रहने का अनुमान है। सोमवार सुबह हुई तेज बारिश से शहर के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति बन गई। मौसम विभाग के अनुसार पटना में 45 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
अधिकतम तापमान 32.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान में 0.4 डिग्री की गिरावट आई, जिससे सुबह का मौसम कुछ ठंडा महसूस हुआ। हालांकि दिन में गर्मी बनी रही।
सोमवार सुबह हुई तेज बारिश ने राजधानी पटना का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। कुछ ही घंटों में कई निचले इलाकों में एक से दो फीट तक पानी भर गया। नगर निगम क्षेत्र में जलनिकासी की व्यवस्था फेल साबित हुई।
दर्जनों मोहल्लों में लोगों को नाव जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा। कई परिवारों ने शिकायत की कि त्योहारों की तैयारियों पर पानी फिर गया। तीज जैसे पर्व के मौके पर लोगों को असुविधा झेलनी पड़ी।
दानापुर नगर परिषद क्षेत्र में हालात और बिगड़े। बारिश के कारण सड़कों पर जलजमाव से त्योहार का रंग फीका पड़ गया। निचले इलाकों के घरों में पानी घुस आया। मोहल्लों की गलियां जलाशय में बदल गईं।
स्थानीय लोगों ने कहा कि नगर परिषद की लापरवाही के कारण थोड़ी सी बारिश भी बड़ी परेशानी बन जाती है। त्योहार के समय इस स्थिति ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दीं।
पटना की पाटलिपुत्र कॉलोनी, पटना जंक्शन, गांधी मैदान, खेतान मार्केट, कदमकुआं, कंकड़बाग, राजीव नगर और गर्दनीबाग जैसे क्षेत्रों में सड़कों और गलियों में पानी भर गया।
गांधी मैदान में भी बारिश का पानी कई घंटों तक जमा रहा। हालांकि बाद में सुपर सकर मशीन और पंप लगाकर पानी निकालने की कोशिश की गई। बावजूद इसके सुबह की गतिविधियां प्रभावित रहीं।
स्थानीय नागरिकों ने जलजमाव की समस्या पर नाराजगी जताई। लोगों का कहना है कि हर साल बरसात के मौसम में यही समस्या दोहराई जाती है। drainage system के नाम पर करोड़ों खर्च होने के बावजूद हालात जस के तस बने हुए हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि अनियोजित शहरीकरण और नालों पर कब्जे ने स्थिति को और खराब किया है। प्राकृतिक जलनिकासी मार्ग बाधित होने से पानी आसानी से बह नहीं पाता और मोहल्लों में भर जाता है।
मौसम वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि आने वाले दिनों में बारिश घटने से तापमान में बढ़ोतरी होगी। पटना, गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर जैसे शहरों में अधिकतम तापमान 33 डिग्री तक पहुंच सकता है।
न्यूनतम तापमान सामान्य के आसपास रहेगा। हालांकि उमस और आर्द्रता से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे खेतों की नमी पर नजर रखें और फसलों की सुरक्षा के उपाय करें।
भागलपुर जिले में 27 अगस्त तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। आसमान में बादल छाए रहेंगे और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
अधिकतम तापमान 29 से 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। बादलों की मौजूदगी से दिन का तापमान संतुलित रहेगा, लेकिन उमस बढ़ सकती है।
IMD Forecast के अनुसार बिहार के पश्चिमी, उत्तर-पूर्वी और दक्षिण-मध्य जिलों में गरज-तड़क और तेज हवा चलने की संभावना बनी हुई है। लोगों को सलाह दी गई है कि अचानक मौसम बदलने पर सतर्क रहें।
खुले खेतों में काम करने वाले किसानों को सुरक्षित जगहों पर जाने की हिदायत दी गई है। शहरों में लोगों से अपील की गई है कि जलजमाव वाले इलाकों से गुजरने से बचें, क्योंकि बिजली के तार और खुले नाले खतरा पैदा कर सकते हैं।
सोमवार की बारिश ने दिखा दिया कि राज्य में वर्षा का वितरण असमान हो गया है। पटना और आसपास के जिलों में तेज बारिश हुई जबकि उत्तर बिहार में बूंदाबांदी ही दर्ज की गई।
गया और औरंगाबाद जैसे दक्षिणी जिलों में बादल छाए रहे लेकिन बारिश नहीं हुई। इससे साफ है कि monsoon trough कमजोर हो रहा है और बारिश की गतिविधि घट रही है।
बारिश में कमी से राज्य के किसान परेशान हैं। धान की खेती पूरी तरह वर्षा पर निर्भर है। यदि बरसात समय पर न हुई तो धान की फसल को नुकसान हो सकता है।
कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे सिंचाई के वैकल्पिक साधन अपनाएं। डीजल पंप और नहरों का उपयोग बढ़ाया जा रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि सितंबर में बारिश लौटती है तो फसल बच सकती है।
पटना में जलजमाव केवल बारिश की समस्या नहीं बल्कि शहरी अव्यवस्था का उदाहरण है। Urban planning की कमी और अधूरी drainage projects ने स्थिति को बिगाड़ा है।
हर साल मानसून में ट्रैफिक जाम, सड़क टूटने और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जलभराव के कारण डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां फैलने का डर है। स्वास्थ्य विभाग ने मच्छर रोधी छिड़काव शुरू करने का आदेश दिया है।
सोमवार की बारिश के बाद पटना नगर निगम हरकत में आया। कई इलाकों में पंप लगाकर पानी निकाला गया। अधिकारी दावा कर रहे हैं कि शाम तक अधिकांश सड़कों से पानी निकाल दिया गया था, लेकिन लोगों का कहना है कि राहत देर से मिली।
राज्य सरकार ने जिलाधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। आपदा प्रबंधन टीमों को standby पर रखा गया है। मौसम विभाग की जानकारी लगातार जिला प्रशासन के साथ साझा की जा रही है।
पटना में अगले कुछ दिनों तक आंशिक बादल छाए रहेंगे। कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन तेज बारिश की संभावना कम है। अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
उमस बनी रहेगी और दोपहर का मौसम असहज रहेगा। हल्की बारिश से थोड़ी राहत मिलेगी लेकिन मौसम का सामान्य रुझान सूखेपन का रहेगा।
यह कहानी है जासूसी की, यह कहानी है साज़िशों की और यह कहानी है भारत… Read More
जाह्नवी कपूर और सिद्धार्थ मल्होत्रा की अपकमिंग फिल्म परम सुंदरी जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज… Read More
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बिहार में बुधवार को… Read More
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के NCR क्षेत्रों में इस हफ्ते मौसम करवट बदलने… Read More
महाराष्ट्र सरकार अब प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के कामकाजी घंटों में बदलाव करने की तैयारी… Read More
अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump द्वारा लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ का असर अब साफ तौर… Read More