बिहार में मानसून ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है। कई इलाकों में लगातार बारिश हो रही है और लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत भी मिली है। मौसम विभाग के अनुसार, Bihar Weather Today के तहत सात जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में पटना, गया, औरंगाबाद, जमुई, नवादा, रोहतास और कैमूर शामिल हैं। सभी जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है और प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इन सात जिलों में तेज हवाएं चल सकती हैं। हवा की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। इसके साथ ही ठनका गिरने का भी खतरा बना हुआ है। विभाग ने लोगों से अपील की है कि भारी बारिश के दौरान नदियों के किनारे न जाएं और नाव या तैराकी से बचें। ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को खुले स्थानों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
येलो अलर्ट आमतौर पर ऐसी स्थिति में जारी किया जाता है जब मौसम खतरनाक साबित हो सकता है। यह रेड अलर्ट जितना गंभीर नहीं होता, लेकिन लोगों को सतर्क रहने की ज़रूरत होती है। इस बार का येलो अलर्ट भारी बारिश, आंधी और बिजली गिरने की संभावना को लेकर है। ऐसे में लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचना चाहिए और जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 22 से 26 अगस्त तक बिहार में Monsoon Alert जारी रहेगा। इस दौरान राज्य के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। लगातार होने वाली बारिश से जहां किसानों को फसलों के लिए लाभ मिल सकता है, वहीं शहरी क्षेत्रों में जलजमाव और यातायात बाधित होने की आशंका भी बनी रहेगी। बिजली आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है क्योंकि बारिश के साथ तेज हवाएं और ठनका गिरने की संभावना है।
पटना में सुबह से ही बादल छाए रहने के कारण उमस की स्थिति बनी रही। देर शाम तेज बारिश ने राहत तो दी, लेकिन कई जगह जलभराव की समस्या सामने आई। मंगलवार की रात पटना में 15.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं, संपतचक में सर्वाधिक 25.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। बारिश से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली, वहीं सड़कों पर पानी भर जाने से आम जनजीवन प्रभावित हुआ।
पिछले 24 घंटे में कई जिलों में अलग-अलग स्तर की बारिश दर्ज की गई। पटना जिले के फतुहा में 24.8 मिमी, पूर्णिया के जलालगढ़ में 21.5 मिमी, कटिहार में 6 मिमी, मुंगेर के तारापुर में 13 मिमी, बांका के चंदन में 8.4 मिमी, दानापुर में 16.2 मिमी, बक्सर में 6.8 मिमी, बांका के बेलहर में 5.4 मिमी और बांका के कटोरिया में 11.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। अन्य जिलों में भी अच्छी बारिश देखी गई, जिससे साफ है कि मानसून पूरी तरह सक्रिय हो चुका है।
भारी बारिश का असर सबसे ज्यादा किसानों और आम लोगों पर पड़ता है। धान की खेती के लिए यह बारिश फायदेमंद है, लेकिन लगातार और तेज बारिश फसलों को नुकसान भी पहुंचा सकती है। शहरी इलाकों में जलजमाव से यातायात प्रभावित होता है। बिजली कटौती, जाम और सड़कों पर गड्ढों की समस्या और बढ़ जाती है।
मौसम विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। बारिश और आंधी के दौरान पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें। किसान और मजदूर खुले खेतों में काम करने से परहेज करें। तेज हवाओं से कच्चे मकानों को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सतर्क रहें। प्रशासन ने जिला स्तर पर राहत टीमों को तैयार रहने का आदेश दिया है।
बिहार लंबे समय से भारी बारिश और बाढ़ से जूझता रहा है। उत्तर बिहार के जिलों में नदियों का जलस्तर बढ़ते ही बाढ़ की स्थिति बन जाती है। दक्षिण बिहार में अत्यधिक वर्षा से मिट्टी कटाव और भूस्खलन भी होता है। इस बार बारिश का पैटर्न पहले असमान रहा, लेकिन अब मानसून एक्टिव होने से स्थिति बदल गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अचानक हुई तेज बारिश स्थानीय बाढ़ जैसी स्थिति बना सकती है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि पटना और उसके आसपास के इलाकों में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। बादल और उमस बनी रहेगी और बिजली गिरने का खतरा भी रहेगा। दफ्तर, स्कूल और बाजार प्रभावित हो सकते हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से कहा है कि मौसम की हर अपडेट पर नज़र रखें।
भारी बारिश के दौरान सुरक्षा उपायों का पालन करना जरूरी है। लोग छाता और रेनकोट साथ रखें। जलभराव वाले इलाकों से दूर रहें क्योंकि वहां हादसे का खतरा रहता है। गंदे पानी में चलना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। साफ और उबला हुआ पानी पीने की सलाह दी गई है ताकि जलजनित बीमारियों से बचा जा सके। ग्रामीण इलाकों में लोगों से खाने-पीने का सामान पहले से सुरक्षित रखने की अपील की गई है।
लगातार हो रही बारिश से सड़कें खराब हो गई हैं। गड्ढों और जलभराव के कारण यातायात प्रभावित है। बिजली खंभों और ट्रांसफॉर्मरों को नुकसान होने से कई इलाकों में बिजली गुल हो रही है। इसका असर आम जनजीवन और व्यापार दोनों पर पड़ रहा है। प्रशासन ने मरम्मत टीमों को सतर्क रहने का आदेश दिया है।
मौसम विशेषज्ञ मानते हैं कि बारिश बिहार के लिए राहत भी है और परेशानी भी। किसान सिंचाई के लिए इस पर निर्भर रहते हैं, लेकिन शहरी क्षेत्रों में जलजमाव आम समस्या बन जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य को बाढ़ नियंत्रण और शहरी निकासी व्यवस्था को और मजबूत करना होगा।
लोगों की प्रतिक्रिया इस बारिश को लेकर मिली-जुली है। कई लोग राहत की सांस ले रहे हैं तो कई जलजमाव और बाढ़ की आशंका से परेशान हैं। पटना में कई दुकानदारों को पानी भरने से नुकसान हुआ है। दैनिक मजदूरों का कहना है कि बारिश से उनकी रोज़ी-रोटी प्रभावित होती है। छात्रों और नौकरीपेशा लोगों को भी यात्रा में मुश्किलें हो रही हैं।
बिहार सरकार हालात पर नज़र बनाए हुए है। जिलों को सतर्क किया गया है और आपदा प्रबंधन दलों को तैयार रखा गया है। जरूरत पड़ने पर राहत शिविर भी लगाए जा सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को जलजनित रोगों के लिए तैयार रहने को कहा है। सरकार लगातार लोगों से अपील कर रही है कि वे सुरक्षा नियमों का पालन करें।
Bihar Weather Today में सात जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट यह दिखाता है कि मानसून अभी और सक्रिय रहेगा। बारिश खेती के लिए तो आवश्यक है लेकिन शहरी जीवन को चुनौतीपूर्ण बना देती है। बिजली, आंधी और जलजमाव से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना होगा। 26 अगस्त तक मौसम विभाग ने Rainfall Update जारी रखा है और नागरिकों से अपील की है कि सतर्क रहें और जरूरी सुरक्षा उपाय अपनाएं।
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