1987 में भारत की लोकतांत्रिक नींव उस वक्त हिल गई थी, जब राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने प्रधानमंत्री राजीव गांधी को बर्खास्त करने की तैयारी कर ली थी। ‘PMO-Red-6’ नाम की वह सीक्रेट फाइल आज भी राष्ट्रपति भवन की लाइब्रेरी में ‘क्लासिफाइड’ पड़ी है। इस कहानी में जानिए, कैसे बोफोर्स घोटाले के बाद शुरू हुआ यह संवैधानिक शीतयुद्ध, एक अनदेखी राजनीतिक टकराव की गवाही बन गया। कौन-कौन शामिल थे इस ‘संवैधानिक विद्रोह’ की पटकथा में? कैसे रोकी गई एक क्रांतिकारी कार्रवाई?
This post was last modified on अगस्त 12, 2025 11:53 अपराह्न IST 23:53
विश्वामित्र सेना के संरक्षण में संचालित श्रीधराचार्य वेद गुरुकुलम आज सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण का… Read More
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए नेताओं के साथ हुई एक खास चाय मीटिंग में विपक्ष… Read More
भारतीय सेना (Indian Army) ने 66वीं शॉर्ट सर्विस कमीशन टेक्निकल एंट्री 2025 के लिए आवेदन… Read More
टीवी इंडस्ट्री की मशहूर अदाकारा जिया मानेक, जिन्हें साथ निभाना साथिया की पहली गोपी बहू… Read More
इंडियन रेलवे (Indian Railways) ने बिहार समेत पूरे देश के यात्रियों के लिए कई बड़े… Read More
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) बहुत जल्द Bihar DElEd Admit Card 2025 जारी करने जा… Read More