15 अगस्त 2025 की सुबह पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्दवान जिले में एक बड़ा सड़क हादसा हुआ। National Highway-19 पर नाला फेरी घाट के पास एक तेज रफ्तार प्राइवेट बस खड़े ट्रैक्टर से जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मौके पर ही 10 यात्रियों की मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार, बस में कुल 45 यात्री सवार थे, जिनमें पांच बच्चे भी शामिल थे। सभी यात्री बिहार के रहने वाले थे और तीर्थयात्रा पर निकले थे। हादसे के वक्त बस दुर्गापुर की ओर जा रही थी।
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग और पुलिस राहत-बचाव में जुट गए। कई यात्री बस के आगे के हिस्से में फंस गए थे, जिसे काटकर निकाला गया।
घायल 35 यात्रियों को Burdwan Medical College Hospital में भर्ती कराया गया है, जिनमें कई की हालत गंभीर है। डॉक्टरों ने बताया कि कई घायलों को सिर और रीढ़ की चोटें आई हैं, जबकि कुछ को हड्डी टूटने और आंतरिक रक्तस्राव की समस्या है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस की रफ्तार काफी तेज थी और चालक खड़े ट्रैक्टर को देख नहीं पाया। तेज टक्कर से बस का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि जोरदार धमाके के बाद बस से चीख-पुकार की आवाजें आने लगीं। लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े और यात्रियों को बाहर निकालना शुरू किया।
यह बस यात्रियों को लेकर एक धार्मिक यात्रा पर निकली थी। बिहार से आए ये यात्री स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने गंतव्य की ओर जा रहे थे, लेकिन सफर बीच रास्ते में ही त्रासदी में बदल गया।
प्रशासन ने मृतकों के परिजनों से संपर्क करना शुरू कर दिया है और शवों को बिहार भेजने की तैयारी की जा रही है।
Burdwan Medical College Hospital में घायलों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। कई मरीजों को आईसीयू में रखा गया है। खून की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ब्लड बैंक को अलर्ट किया गया है।
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ को ड्यूटी पर बुलाया गया है ताकि इलाज में कोई देरी न हो।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में तेज रफ्तार और चालक की लापरवाही को मुख्य कारण माना जा रहा है।
इसके अलावा, तकनीकी खराबी या सड़क पर दृश्यता की कमी की भी जांच की जा रही है। बस चालक गंभीर रूप से घायल है और उसके बयान के बाद और जानकारी सामने आ सकती है।
हादसे के बाद National Highway-19 पर लंबा जाम लग गया। राहत और बचाव कार्य के दौरान यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ा गया। बाद में क्षतिग्रस्त बस और ट्रैक्टर को हटाकर यातायात बहाल किया गया।
यह हादसा एक बार फिर हाईवे सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है। तेज रफ्तार, थकान और यातायात नियमों की अनदेखी अक्सर ऐसे हादसों का कारण बनते हैं। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस मार्ग पर निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए।
राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। घायलों के इलाज का पूरा खर्च प्रशासन द्वारा वहन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्थिति की समीक्षा कर सकती हैं और मुआवजा घोषणा की संभावना है।
हादसे के बाद गांव के लोगों ने घायलों को पानी, प्राथमिक उपचार और अस्पताल तक पहुंचाने में मदद की। कई लोग एंबुलेंस के साथ अस्पताल पहुंचे और पीड़ितों के परिवारों से संपर्क में मदद की।
Burdwan Bus Accident ने स्वतंत्रता दिवस को कई परिवारों के लिए शोक का दिन बना दिया। हादसे में 10 लोगों की मौत और 35 के घायल होने ने सड़क सुरक्षा पर गंभीर चिंता जताई है। जांच जारी है और प्रशासन का ध्यान फिलहाल घायलों के इलाज और पीड़ित परिवारों को सहायता देने पर है।
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