15 अगस्त 1947 को भारत ने सदियों की गुलामी के बाद आजादी का सूर्योदय देखा। यह दिन भारतीय इतिहास का वह मोड़ था, जिसने विदेशी शासन की बेड़ियों को तोड़ते हुए देश को एक नए युग में प्रवेश कराया। उस रात देश के हर छोटे-बड़े शहर में लोग सड़कों पर उतरे और घंटों तक जश्न मनाते रहे।
आज 2025 में भारत अपनी 79वीं Independence Day मना रहा है, लेकिन यह तारीख सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों और ऐतिहासिक घटनाओं के लिए भी बेहद खास है। पिछले दो सौ वर्षों में 15 अगस्त ने कई महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव, स्वतंत्रता की घोषणाएं और सांस्कृतिक उपलब्धियां देखी हैं।
15 अगस्त 1945 को द्वितीय विश्व युद्ध में निर्णायक मोड़ आया। अमेरिका ने जापान पर दो शक्तिशाली परमाणु बम गिराए, जिससे जापान को घुटनों के बल झुकना पड़ा। कुछ दिनों बाद, सम्राट हिरोहितो ने रेडियो संदेश के जरिए आत्मसमर्पण की घोषणा की।
जापान में इस दिन को “सुसेन नो ही” यानी युद्ध समाप्ति दिवस के रूप में याद किया जाता है। इस ऐतिहासिक घटना के तुरंत बाद कोरिया, जो चार दशकों से जापान का उपनिवेश था, स्वतंत्र हो गया।
हालांकि, कोरिया एकजुट नहीं रह सका और बाद में उत्तर और दक्षिण कोरिया में विभाजित हो गया। आज दक्षिण कोरिया इस दिन को “ग्वांगबोकजोल” यानी स्वतंत्रता पुनः प्राप्ति दिवस के रूप में मनाता है।
15 अगस्त 1960 को अफ्रीकी देश कांगो ने फ्रांस से स्वतंत्रता प्राप्त की। वर्षों के संघर्ष के बाद कांगो ने औपनिवेशिक शासन से मुक्ति पाई और फुल्बेर्ट योउलू देश के पहले राष्ट्रपति बने।
कांगो की आजादी अफ्रीका में उस दौर का हिस्सा थी, जब कई देश यूरोपीय उपनिवेशवाद से आजाद हो रहे थे और अपना भविष्य खुद तय कर रहे थे।
15 अगस्त 1971 को बहरीन ने ब्रिटेन के साथ समझौते के बाद अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। दशकों से जारी राजनीतिक प्रभाव का अंत इसी दिन हुआ।
हालांकि, बहरीन अपना आधिकारिक राष्ट्रीय दिवस 16 दिसंबर को मनाता है, क्योंकि उसी दिन 1961 में अमीर ईसा बिन सलमान अल खलीफा ने सत्ता संभाली थी।
यूरोप का छोटा सा देश लिकटेंस्टीन भी 15 अगस्त को अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है। 1855 में जर्मन परिसंघ के विघटन के बाद इसे अधिक स्वायत्तता मिली, और तभी से यह तारीख उसके लिए प्रतीकात्मक महत्व रखती है।
15 अगस्त 1914 को पनामा नहर का उद्घाटन हुआ, जिसने अटलांटिक और प्रशांत महासागर को जोड़ा। यह परियोजना अमेरिका के लिए आर्थिक रूप से बहुत लाभदायक साबित हुई और वैश्विक व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग बन गई।
15 अगस्त का दिन रोमन कैथोलिक परंपरा में भी विशेष स्थान रखता है। इस दिन को वर्जिन मैरी के स्वर्गारोहण के पर्व के रूप में मनाया जाता है।
यह अवसर यूरोप और लैटिन अमेरिका के कई देशों में सार्वजनिक अवकाश के साथ मनाया जाता है, जहां विशेष प्रार्थना सभाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
15 अगस्त की तारीख एशिया से अफ्रीका और यूरोप से अमेरिका तक कई देशों को जोड़ती है। भारत के लिए यह स्वतंत्रता का प्रतीक है, जापान और कोरिया के लिए यह युद्ध के अंत और आजादी का दिन है, कांगो और बहरीन के लिए यह राजनीतिक मुक्ति का दिन है, और लिकटेंस्टीन के लिए राष्ट्रीय पहचान का।
वैश्विक स्तर पर यह दिन यह साबित करता है कि स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय का सपना हर संस्कृति और हर भूभाग के लोगों का साझा लक्ष्य है।
आजादी सिर्फ मनाने की चीज नहीं, बल्कि इसे सुरक्षित और संरक्षित रखना हर पीढ़ी की जिम्मेदारी है। भारत सहित वे सभी देश, जो 15 अगस्त को अपनी स्वतंत्रता से जुड़े इतिहास को याद करते हैं, यह भी मानते हैं कि स्वतंत्रता निरंतर प्रयास और एकता से ही कायम रहती है।
2025 में जब भारत का तिरंगा लहराएगा, तो यह न सिर्फ देश की आजादी का प्रतीक होगा, बल्कि उन तमाम राष्ट्रों के साथ एक साझा भावनात्मक संबंध भी व्यक्त करेगा, जिनके लिए यह दिन उतना ही मायने रखता है।
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