इमरान खान और शी जिनपिंग
कोरोना वायरस के इस संकट के बीच चीन भारत को चारो तरफ घेरने में जुट गया है। एक तरफ लद्दाख में LAC पर उसके सैनिक भारत की ओर से सीमा पर किए जा रहे निर्माण कार्यों में बाधा डाल रहे हैं, तो दूसरी तरफ चीन नेपाल के सहारे सीमा विवाद को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। अब चीन POK में अपनी घुसपैठ मजबूत करने जा रहा है। भारत के विरोध के बावजूद वह POK में बड़ा पावर प्रॉजेक्ट लगाने जा रहा है।
मंगलवार को पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, चीन CPEC (चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर) के तहत POK में 1,124 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट लगाने जा रहा है। कोहाला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का ब्योरा सोमवार को प्राइवेट पावर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर बोर्ड (PPIB) की 127वीं बैठक में रखा गया, जिसकी अगुआई ऊर्जा मंत्री उमर अयूब ने की।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में बताया गया कि चीन के थ्री गोर्जेस कॉर्पोरेशन, POK अथॉरिटीज और PPIB के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता फाइनल हो गया है। इसके जरिए CPEC फ्रेमवर्क के तहत 1,124 मेगावार्ट का कोहाला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाएगा।
इस पावर प्रोजेक्ट को झेलम नदी पर बनाया जाएगा तथा इससे पाकिस्तानी उपभोक्ताओं को कम कीमत पर सालाना 5 अरब यूनिट बिजली मिलेगी। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि, इसमें 2.4 अरब डॉलर का निवेश होगा। 3 हजार किलोमीटर के CPEC का लक्ष्य चीन और पाकिस्तान को रेल, रोड, पाइपलाइन और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ना है। यह चीन के शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट के साथ जोड़ता है। इससे चीन को अरब सागर तक पहुंच मिलती है।
CPEC, POK से होकर गुजरता है, जिसको लेकर भारत, चीन के सामने आपत्ति जताता रहा है। पिछले महीने भी भारत ने विरोध दर्ज कराया था, जब पाकिस्तान ने गिलगित बाल्टिस्तान में एक डैम बनाने के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया था।
This post was published on जून 2, 2020 16:51
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