बिहार की सांस्कृतिक राजधानी कहलाने वाली मधुबनी जिला के बेनीपट्टी में मां काली का एक सिद्धपीठ है। इसको Uchchaith भगवती या महाकाली के नाम से जाना जाता है। 17वें शक्तिपीठ के रूप में इसका पौराणणिक महत्व है। प्रचलित कथाओं में यही वह स्थान है जहां महान कवि कालिदास को माता के वरदान से ज्ञान प्राप्त हुआ था। प्राचीन काल में उच्चैठ का यही स्थान राजा जनक की यज्ञ भूमि हुआ करता था। महर्षि कपिल, कणाद, गौतम, जेमिनी, विभाण्डक, पुण्डरीक, श्रृंग, लोमस, पिपलाद, याज्ञवल्क्व और सतानंद जैसे ऋषियों की यह तपोभूमि रही है। आदि शंकराचार्य भी उच्चैठ में साधना कर चुके है। आधुनिक काल में महाकवि विद्यापति और गोनू झा ने ज्ञान की प्रात्ति के लिए उच्चैठ में साधना की थी।
This post was published on अप्रैल 3, 2022 15:30
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