पेंशन के पैसे से बहू के लिए बनवाया शौचालय

​समाजिक बिरादरी की धमकी को किया नजरअंदाज/ बिजली काटने और हुक्का पानी बंद करने की दी थी चेतावनी/ मुखिया और जीविका से प्रेरित होकर बनवाया शौचालय/ हरपुर बक्श मुशहर बस्ती की कहानी चौकाने वाली/ शौचालय बनाने वाले तीन लोगो को डीएम ने दिया प्रशस्ती पत्र

संतोष कुमार गुप्ता

मीनापुर। गरीबी का दंश का क्या होता है कोई हरपुर बक्श मुशहर बस्ती मे जाकर देखे। आज भी इनकी बस्ती मे विकास की रौनक दिखायी नही देती। जब पुरा रघई पंचायत ओडीएफ हो रहा था। वही हरपुर बक्श गांव के तीन मुशहर परिवार के लोग बड़ी मुशकिल से डीएम के सामने पहुंचे थे। इन्हे समाजिक धमकी का डर तो था ही,किंतु इस बात का भी फख्र था कि अब उसके बेटी बहू खुले मे शौच नही जायेगी।

गांव के शत्रुघ्न माझी ने सरकार के लोहिया स्वच्छता मिशन के तहत जब शौचालय बनवाने की ठानी तो समाजिक स्तर पर उसका विरोध शुरू हो गया। स्थानिय मुखिया चंदेश्वर प्रसाद व जीविका के क्षेत्रिय समन्वयक कौशल किशोर प्रसाद की मौजूदगी मे उसकी बिरादरी के लोगो ने बिजली काट देने,हुक्का पानी बंद करने तथा समाज से अलग थलग कर देने की चेतावनी दे डाली। शत्रुघ्न के पास दो संकट आ गया। एक बिरादरी का डर और दुसरा शौचालय के लिए पैसा कहां से आयेगा। उसकी पत्नी ने सास डंगरी देवी से कहा कि मां जी आज तक तो आप से कुछ नही मांगे लेकिन आज हम आप से कुछ मांग रहे है।  मां जी ऐ बताइये हम कब तक खुले मे जाते रहेंगे।  सत्तर वर्ष की डंगरी ने अपनी बहू के लिए वृदावस्था पेंशन के दो हजार रूपया निकाल कर दिया। सास ने कहा कि ये लो पैसे और कुछ उधारी कर के शौचालय बनवा लो,अगर और पैसे पेंशन के मिलेंगे तो हम कर्ज चुका देंगे।  शत्रुघ्न ने वृदावस्था के पैसे और कुछ उधारी लेकर शत्रुघ्न ने शौचालय बनवा दिया। अब उसके दो पुत्र व दो पुत्री को खुले मे जाने की जरूरत नही है। गांव के ही कृृष्णनंदन माझी के पिता जयलाल मांझी व मां कुसुमी देवी ने वृदावस्था पेंशन व बचत के पैसे से बहू व पोता पोती के लिए शौचालय बनवाया है। जयलाल मांझी मानर बजाने का काम करते है।

पोती की शादी के लिए जमा पैसे से बनवाया शौचालय

हरपुर बक्श गांव के ही शंकर माझी के घर मे शौचालय नही है। पत्नी चुनरी देवी ने सास व पति से कहा कि बेटी अब जवान हो गयी है। क्या वह खुले मे जाती है तो अच्छा लगता है। इस पर उसका पति ने कहा कि उसकी शादी के लिए पैसे इकट्ठा तो कर रहा हू। समाजिक बिरादरी के लोग धमकी दे रहे है कि तुम लोग शौचालय बनवा लेगा तो ठीक नही होगा। हमलोगो को सरकारी हक से वंचित कर दिया जायेगा। हमलोग गरीब है और तुम्हारे शौचालय बनवा लेने से हमलोग अपने हक से वंचित हो जायेंगे। इसके बाद शंकर की मां कुसुमी देवी ने कहा कि शौचालय हर हाल मे बनेगा। उसने वृदावस्था पेंशन के पैसे लाकर दिया। पति ने भी बेटी की शादी के लिए इकट्ठा किये गये पैसे मे से लेकर शौचालय बनवा दिया। कुसुमी देवी ने कहा कि बहुत दिन कष्ट सहे है। अब हम किसी को कष्ट नही सहने देंगे। शौच के लिए भोर मे ही बिछावन छोड़ना पड़ता था। रात का इंतजार करना पड़ता था। प्रेरक की भूमिका निभाने वाले इंदल शर्मा बताते है कि मुशहर बस्ती के लोग उनलोगो के लिए नजीर है जो अब तक शौचालय नही बनवाये है। बूढापे की सहारे की राशि को भी इस कार्य मे लगा दिया। जीविका के क्षेत्रिय समन्वयक कौशल किशोर प्रसाद ने बताया कि मेरे सामने ही बिरादरी के लोगो ने बिजली काट देने की धमकी दी थी। किंतु इनलोगो ने कहा कि अंधेरा मे रह लेंगे,किंतु खुले मे शौच नही जायेंगे। डीएम ने तीनो को प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित किया है।

क्यों बनवाया शौचालय

मुशहर बस्ती के चारो ओर जंगल है.खुले मे शौच जाने से गंदगी का अम्बार लगा रहता है। यहां तक की मुख्य मार्ग मे भी सड़क किनारे लोग शौच कर देते है। नतिजतन गरमी के दिनो मे इस इलाके मे बिमारियो का प्रकोप बढ जाता है। एइएस को लेकर यह इलाका डेंजर जोन मे है। एइएस को लेकर यहां पर तत्कालिन स्वास्थ्य मंत्री आश्विनी चौबे भी यहां आ चुके है। स्वास्थ्य व स्वच्छता के दृष्टीकोण से लोगो ने शौचालय बनवाया।

   वर्जन-

जब हम महादलित बस्ती मे मोटीवेट करने पहुंचे तो शत्रुघ्न को बिरादरी के लोगो ने बिजली काटने व हुक्का पानी बंद करने की चेतावनी दे डाली। वावजूद उसने कुछ और लोगो को प्रेरित कर शौचालय बनवाया। उम्र के अंतिम पड़ाव मे चल रही उसकी मां ने उसको दो हजार रूपया लाकर पतोहू को दिया। मुशहर बस्ती के लोग कह रहे थे कि सरकार उन्हे शौचालय बनवा कर देगा। जबकि नियम यह है कि शौचालय बनवाने पर 12 हजार रूपया सरकारी अनुदान मिलता है।

चंदेश्वर प्रसाद,मुखिया ग्राम पंचायत राज,रघई

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