केंद्र सरकार का फैसला, काटे जाएंगे सरकारी कर्मचारियों के एक दिन का वेतन

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कोरोना वायरस पूरी दुनिया पर अपना कहर बरसा रहा है। भारत में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, इसे रोकने के लिये देश में लॉकडाउन को भी 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि ऐसे क्षेत्र जहां कोरोना के मामले न के बराबर है, वहां आज से कुछ जरूरी चीजों की छूट भी दी गई है। लॉकडाउन से उत्पन्न आर्थिक तनाव के कारण मोदी सरकार ने मंत्रियों को अपनी सैलरी के कुछ हिस्से को डोनेट करने के लिए कहा था। उसके बाद अब सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की एक दिन की सैलरी को काटने का फैसला किया है। सरकार ने सभी सांसदों के वेतन में एक साल के लिए 30 फीसदी की कटौती के बाद अब केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों से एक दिन की सैलरी डोनेट करने के लिए कहा गया है।

केंद्र सरकार ने अपील की है, की कर्मचारी अपनी एक दिन की सैलरी पीएम केयर्स फंड में ट्रांसफर करें। आपको बता दें कि कर्मचारियों की सैलरी से काटी गई राशि को प्रधानमंत्री सिटीजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन फंड में डाला जाएगा. साथ ही सरकार ने राजस्व विभाग को भेजे गए सर्रकुलर में कहा है, कि विभाग के अफसरों और कर्मचारियों से यह अपील है कि, वे मार्च 2021 तक हर महीने अपने एक दिन की सैलरी को पीएम केयर्स फंड मे जमा कर अपना योगदान दें। कर्मचारियों की वेतन में कटौती अप्रैल 2020 की सैलरी में से की जाएगी, जिसका भुगतान मई में होना है। कोरोना महामारी के इस संकट के बीच केंद्र सरकार को आर्थिक मदद की जरूरत है। हालांकि सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि अगर किसी भी अफसर या कर्मचारी को इससे आपत्ति होगी, तो वह राजस्व विभाग के ड्रॉइंग एंड डिस्बर्सिंग ऑफिसर को इस बारे में सूचित कर सकते हैं। उन्हें 20 अप्रैल 2020 तक इसे लिखित रूप में अपने इंप्लॉयी कोड के साथ सूचित करना होगा। वहीं, दूसरे विभागों के कर्मचारी, जो एक्टिव तौर पर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शामिल नही है। उन्हें भी अपनी एक दिन की सैलरी का योगदान फंड में करना पड़ सकता है।

बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप हैं। जिसके कारण सरकार को इस तरह के फैसले लेने पर रहे है।

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