भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरे टेस्ट मैच का रोमांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे मैदान के अंदर और बाहर विवाद भी जन्म ले रहे हैं। एक ओर जहां ड्यूक बॉल की गुणवत्ता पर बहस छिड़ी हुई है, वहीं अब जो रूट द्वारा पकड़े गए कैच को लेकर सोशल मीडिया पर क्रिकेट प्रेमियों के बीच जबरदस्त बहस चल रही है।
लॉर्ड्स में खेले जा रहे इस मुकाबले में इंग्लैंड ने पहली पारी में 387 रन बनाए, जबकि जवाब में भारत ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक 3 विकेट पर 145 रन बना लिए थे। इसी दौरान करुण नायर का एक विवादित आउट क्रिकेट की दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है।
क्या था विवादित कैच का पूरा मामला?
दूसरे दिन का खेल जब अपने रफ्तार में था, तब करुण नायर इंग्लैंड के खिलाफ नंबर-3 पर बल्लेबाजी कर रहे थे। उन्होंने 62 गेंदों में 40 रन की संयमित पारी खेली। हालांकि, 21वें ओवर की दूसरी गेंद पर बेन स्टोक्स की एक बाहर जाती गेंद उनके बल्ले के किनारे से टकराई और स्लिप में खड़े जो रूट ने फॉरवर्ड डाइव लगाकर कैच पकड़ लिया।
मैदानी अंपायर ने निर्णय को थर्ड अंपायर के पास भेजा, क्योंकि यह स्पष्ट नहीं था कि गेंद जमीन से टकराई थी या नहीं। कई रिप्ले में गेंद जमीन को छूती हुई दिखी, लेकिन थर्ड अंपायर ने यह कहते हुए कैच को वैध माना कि रूट की उंगलियां गेंद के नीचे थीं।
सोशल मीडिया पर फैंस का फूटा गुस्सा
थर्ड अंपायर के फैसले के तुरंत बाद, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे X (पूर्व में ट्विटर), इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर इस कैच का वीडियो तेजी से वायरल हो गया। फैंस ने अंपायर के निर्णय और जो रूट की खेल भावना पर सवाल उठाए।
“यह कैच नहीं था, गेंद ज़मीन से साफ़ टकराई थी। रूट को खुद बताना चाहिए था कि गेंद पकड़ में नहीं आई है,” एक यूज़र ने X पर लिखा।
“ये क्रिकेट की भावना के खिलाफ है, रूट को सच बोलना चाहिए था।” एक अन्य यूज़र ने टिप्पणी की।
जो रूट ने बनाया टेस्ट क्रिकेट में नया रिकॉर्ड
इस विवाद के बीच एक बात और हुई जो उतनी चर्चा नहीं पा सकी – जो रूट ने इस कैच के साथ टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा कैच पकड़ने वाले खिलाड़ी बनने का रिकॉर्ड बना लिया है। उन्होंने इस उपलब्धि के साथ राहुल द्रविड़ और जैक्स कैलिस जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया।
हालांकि, यह ऐतिहासिक पल विवाद के कारण फीका पड़ गया, क्योंकि फोकस उस रिकॉर्ड पर नहीं बल्कि उस पर लगे “बेईमानी” के आरोपों पर आ गया।
स्कोरकार्ड – दूसरे दिन का खेल समाप्त
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इंग्लैंड पहली पारी: 387 रन ऑल आउट
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भारत पहली पारी: 145/3 (करुण नायर 40, रोहित शर्मा 51*, विराट कोहली 28)
भारत अभी भी 242 रनों से पीछे है और उसके पास दो पूरे दिन बचे हैं इस मुकाबले में वापसी करने के लिए।
क्या कहते हैं क्रिकेट के नियम?
ICC के नियमों के अनुसार, किसी भी कैच को वैध तभी माना जाता है जब:
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गेंद ज़मीन से पहले नहीं टकराई हो, और
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क्षेत्ररक्षक ने गेंद को पूरी तरह नियंत्रित किया हो।
अगर गेंद और उंगलियों के बीच पूरी स्पष्टता नहीं हो, तो थर्ड अंपायर को मैदानी अंपायर के सॉफ्ट सिग्नल के अनुसार निर्णय देना होता है। इस मामले में सॉफ्ट सिग्नल “आउट” था, इसलिए थर्ड अंपायर ने कैच को मान्य कर दिया।
पूर्व क्रिकेटरों की प्रतिक्रिया
पूर्व भारतीय खिलाड़ी का कहना है:
“अगर रूट को यह पता था कि गेंद ज़मीन से टच हुई है, तो उन्हें खेल भावना दिखानी चाहिए थी।”
एक पूर्व अंपायर ने कहा:
“विवाद की जड़ यही है कि कैमरा एंगल स्पष्ट नहीं थे। थर्ड अंपायर के पास पुख्ता सबूत नहीं थे, इसलिए उन्हें ऑन-फील्ड सिग्नल का पालन करना पड़ा।”
क्रिकेट का खेल: नियम बनाम भावना
क्रिकेट को हमेशा एक “जेंटलमैन गेम” माना गया है, जिसमें नियमों के साथ-साथ खेल भावना (Spirit of the Game) की भी बहुत अहमियत होती है। इस मामले में भले ही अंपायर का फैसला तकनीकी रूप से सही हो, लेकिन नैतिक स्तर पर इसे लेकर असहमति जताई जा रही है।
मैच की स्थिति और भारत के लिए आगे की रणनीति
भारत को अब इस विवाद से ऊपर उठकर खेल पर ध्यान देना होगा। यदि टीम को मैच में वापसी करनी है, तो:
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मिडिल ऑर्डर को साझेदारियां बनानी होंगी
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रोहित शर्मा और विराट कोहली को पिच पर टिकना होगा
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गेंदबाजों को दूसरी पारी में इंग्लैंड को कम स्कोर पर रोकना होगा
भारत बनाम इंग्लैंड तीसरे टेस्ट में जो रूट का कैच सिर्फ एक आउट नहीं था, यह एक ऐसा मोड़ बन गया जिसने मैच को विवाद और चर्चा का केंद्र बना दिया है। जहां एक ओर रूट का कैच उन्हें एक विश्व रिकॉर्ड दिला गया, वहीं दूसरी ओर यह कैच सोशल मीडिया और विशेषज्ञों की कड़ी आलोचना का शिकार बन गया।
अब देखना यह होगा कि भारतीय टीम इस मनोवैज्ञानिक झटके से उबरकर कैसा प्रदर्शन करती है, और क्या यह विवाद आने वाले समय में टेस्ट सीरीज की दिशा बदल सकता है।
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