कौशलेन्द्र झा
सुबह- सुबह, टीवी खोलते ही जहर उगलते नेताजी के दर्शन हो गये। थोड़ी देर बाद अखबारो मिला तो यहां भी नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का भरमार मिला और जब सोशल मीडिया पर गये तो यहां भी एक दुसरे को नीचा दिखाने की अंध दौड़ की पढ़ने को मिला।
ज्ञान के स्वांग का आलम ये कि इतिहास के हवाले से तोड़ मरोड़ कर कुर्तक देते लोग…। आखिर साबित क्या करना चाहतें हैं? क्या ऐसे लोगो को इतिहास का ज्ञान नही है या जानबूझ कर नफरत फैलाने के लिए तथ्थों से छेड़छाड़ की जा रही है? कही, ऐसा तो नही कि सुनी सुनाई बातें या समाजिक प्रचलन को ही इतिहास समझा जा रहा है?
कारण चाहे जो हो? नतीजा सामने है। खुद को श्रेष्ठ साबित करने की होड़ में समाज का अधिकांश तबका दुसरे को घृणा भरी नजरो से देखने लगा है। राजनीतिक लाभ के लिए बोया बीज, समाज को तनाव रुपी फल देने लगा है। अविश्वास, धोखा और छल जीवन का हिस्सा बनने लगा है। कहतें हैं कि जब- जब रगो में नफरत बसी हो और सोच में उन्माद…। जब, खुद ही न्याय की परिभाषा गढ़ी जाने लगे और समान पीड़ा के लिए सत्ता का दो पैमाना हो जाये, तो टूट का खतरा बढ़ जाता है। हालात यही रहा तो समाजिक नुकसान से हम खुद को दूर नही रख सकतें हैं।
कदाचित, इस घृणा से बचा जा सकता है। इसके लिए नफरत की सुनी सुनाई बातों की जगह तथ्यों की पड़ताल करनी होगी। बड़बोलेपन की प्रवृति को रोकना होगा। रहनुमाओं के बोल बदलने होंगे। सवाल उठना भी लाजमी है कि कौन करेगा इस काम को? वह…, जो समाज में जहर फैला रहें हैं या वह…, जो हर बात के लिए पुलिस और मीडिया को दोषी बता रहा है? साथियों मित्रों, जवाब तो हमें ही तलाशना है। दरअसल, यह सोशल मीडिया का जमाना है। यदि हम ठान लें कि जहर का जवाब भी प्रेम से देना है। तो, यकीन मानिये लोगो का विचार बदलने में देर नही लगेगा।
This post was published on फ़रवरी 8, 2018 07:08
या आप जानते हैं कि गिद्ध क्यों विलुप्त हो गए? और इसका मानव जीवन पर… Read More
भारत और पाकिस्तान के 1947 के बंटवारे में केवल जमीन ही नहीं, बल्कि घोड़ागाड़ी, बैंड-बाजा,… Read More
7 दिसंबर 1941 का पर्ल हार्बर हमला केवल इतिहास का एक हिस्सा नहीं है, यह… Read More
सफेद बर्फ की चादर ओढ़े लद्दाख न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता बल्कि इतिहास और संस्कृति… Read More
आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना।… Read More
मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More