Society

वक्फ संशोधन विधेयक 2024: लोकसभा में पेश, सरकार और विपक्ष के बीच बढ़ी तकरार

Published by

KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत सरकार ने 2024 में वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में प्रस्तुत किया, जिससे पूरे राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मच गई है। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों और उनके प्रबंधन में सुधार करना है, लेकिन इसके साथ ही यह मुद्दा राजनीति के प्रमुख केंद्रों में बदल गया है। जहां सरकार इस विधेयक को मुस्लिम समुदाय की भलाई में एक महत्वपूर्ण कदम मानती है, वहीं विपक्ष इसे असंवैधानिक और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन करने वाला मान रहा है।

वक्फ संशोधन विधेयक: एक नई शुरुआत

वक्फ बोर्ड के संशोधन विधेयक में 14 प्रमुख सुधारों का प्रस्ताव किया गया है, जिनमें मुस्लिम महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सशक्त बनाने की बात की गई है। इसके तहत वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और उनकी सही तरीके से देखभाल को सुनिश्चित करने के उपाय सुझाए गए हैं। खास तौर पर, इस विधेयक के द्वारा मुस्लिम महिलाओं को वक्फ संपत्तियों से जुड़ी प्रशासनिक प्रक्रियाओं में अधिक भागीदारी देने का प्रस्ताव है।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 15 के तहत महिलाओं के विकास के लिए जरूरी कदम है। उनका कहना था कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी, और अब इसे लेकर सरकार ने एक सशक्त पहल की है।

विपक्ष की आलोचना: असंवैधानिक और ध्रुवीकरण की कोशिश

 विपक्ष ने इस विधेयक को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद कल्याण बनर्जी ने इसे असंवैधानिक करार दिया। उनका कहना था कि सरकार इस विधेयक के माध्यम से समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने विशेष रूप से उस प्रावधान पर आपत्ति जताई, जिसमें किसी व्यक्ति को वक्फ संपत्ति में शामिल किया जा सकता है यदि वह पांच साल तक इस्लाम का पालन करता है। उनका कहना था कि धार्मिक कर्तव्यों का पालन किसी भी व्यक्ति का व्यक्तिगत मामला है, और उसे कानून के तहत आधार नहीं बनाया जा सकता।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे सरकार की नाकामी छिपाने की कोशिश बताया। उनका कहना था कि सरकार अपने अन्य बड़े मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के विधेयक पेश कर रही है। उनके अनुसार, यह विधेयक एक राजनैतिक रणनीति का हिस्सा है जिसका उद्देश्य समाज को धर्म के आधार पर बांटना है।

डीएमके और शिवसेना का रुख

 डीएमके सांसद ए राजा ने भी इस बिल को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह विधेयक मुसलमानों के अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है, और यह सिखाने की कोशिश कर रहा है कि एक समुदाय के सदस्यों को सशक्त नहीं किया जा सकता। वहीं, शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने इस विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह वक्फ संपत्तियों पर वर्षों से हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उनका कहना था कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग लंबे समय से गलत तरीके से किया जा रहा था, और अब सरकार द्वारा पेश किया गया विधेयक इस समस्या का समाधान करेगा।

विधेयक के प्रमुख पहलू

 वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के तहत कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं, जिनमें सबसे प्रमुख सुधार मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। इसके तहत मुस्लिम महिलाओं को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में अधिक अधिकार देने का प्रावधान है। इसके अलावा, विधेयक में वक्फ संपत्तियों के लिए एक नया प्रशासनिक ढांचा बनाने की बात की गई है, जो वक्फ संपत्तियों के सही प्रबंधन और उनके उपयोग में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।

विपक्ष का मानना है कि विधेयक का उद्देश्य अल्पसंख्यकों को कमजोर करना है

विपक्ष के नेताओं का मानना है कि इस विधेयक का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों को कमजोर करना है और यह एक राजनैतिक चाल है, जिसका उद्देश्य आगामी चुनावों में वोटों की राजनीति करना है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे प्रमुख विपक्षी दलों का आरोप है कि यह विधेयक हिंदू-मुसलमान के बीच विभाजन पैदा करने की एक सोची-समझी साजिश है। उनका कहना है कि यह विधेयक केवल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह देश के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ भी है।

सरकार का तर्क: वक्फ सुधार के लिए जरूरी कदम

सरकार का कहना है कि वक्फ बोर्ड में सुधार से मुस्लिम समुदाय के भीतर विकास की नई दिशा खुलेगी और इसके जरिए मुस्लिम महिलाओं को भी समान अधिकार मिलेंगे। इसके अलावा, वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से प्रबंधन सुनिश्चित करके उनकी संपत्ति की रक्षा की जाएगी। सरकार के अनुसार, यह विधेयक अल्पसंख्यक समुदाय के हित में है और इस विधेयक के माध्यम से मुस्लिम समुदाय के भीतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा दिया जाएगा।

विधेयक पर संसद में होगी लंबी बहस

विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां 8-8 घंटे की बहस की उम्मीद जताई जा रही है। यह बहस दोनों पक्षों के बीच तीव्र मतभेदों का संकेत दे रही है। सरकार के पक्ष में जहां बीजेपी और उसके सहयोगी दल खड़े हैं, वहीं विपक्ष के अधिकांश दल इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर संसद में कई प्रकार के राजनीतिक खेल हो सकते हैं और यह विधेयक संसद में बहुमत हासिल कर पाएगा या नहीं, यह सवाल बना हुआ है।

वक्फ संपत्तियों की प्रभावी देखरेख और पारदर्शिता

विधेयक के तहत वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार के लिए एक नई संरचना बनाई जाएगी। वक्फ संपत्तियों के उपयोग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे, ताकि इन संपत्तियों का सही उपयोग हो सके और किसी प्रकार का भ्रष्टाचार न हो। इसके अलावा, इस विधेयक में वक्फ संपत्तियों को लेकर भविष्य में होने वाली न्यायिक प्रक्रियाओं को भी सुधारने का प्रस्ताव है।

 वक्फ संशोधन विधेयक 2024 भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। इसके पास होने से जहां वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन सुधारने की संभावना जताई जा रही है, वहीं इसके खिलाफ विपक्ष का विरोध भी तेज हो गया है। यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के हित में है या नहीं, इस पर पूरे देश में व्यापक चर्चा हो रही है। विधेयक के लागू होने के बाद इसके प्रभाव का पता चलेगा, लेकिन फिलहाल यह राजनीतिक बहस का एक बड़ा मुद्दा बन चुका है।

Read this article in

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

KKN Gurugram Desk

KKN गुरुग्राम डेस्क KKN Live की एक विशेष संपादकीय टीम है, जो राष्ट्रीय, व्यापार, तकनीक, और राजनीति से जुड़ी खबरों पर काम करती है। इस डेस्क के तहत प्रकाशित लेखों और रिपोर्ट्स को हमारी अनुभवी पत्रकारों की टीम मिलकर तैयार करती है। यह डेस्क उन समाचारों के लिए उपयोग की जाती है जो टीम प्रयास, एजेंसी इनपुट या साझा रिपोर्टिंग के आधार पर तैयार किए जाते हैं। KKN गुरुग्राम डेस्क यह सुनिश्चित करता है कि हर खबर विश्वसनीय, तथ्यपूर्ण, और तेज़ हो। आप अधिक जानकारी के लिए हमारी संपादकीय नीतियाँ और हमारी टीम पेज पर जा सकते हैं।

Share
Published by

Recent Posts

  • Videos

कौन था रेडक्लीफ: नक्शा पर खींची एक लकीर से कैसे हो गई भीषण तबाही

वर्ष 1947… भारत की आज़ादी का साल, लेकिन इसी साल इंसानियत का सबसे बड़ा कत्लेआम… Read More

अगस्त 20, 2025 6:00 अपराह्न IST
  • Society

Airtel ने Rs 299 प्रीपेड प्लान में किया बड़ा बदलाव, 14GB डेटा हुआ कम

भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी Bharti Airtel ने अपने लाखों ग्राहकों को बड़ा… Read More

अगस्त 20, 2025 5:47 अपराह्न IST
  • Society

अचानक लो ब्लड प्रेशर होने पर क्या करें?

आजकल Low BP यानी लो ब्लड प्रेशर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। खराब… Read More

अगस्त 20, 2025 5:38 अपराह्न IST
  • Education & Jobs

Bihar DElEd Admit Card 2025 : बिहार बोर्ड ने जारी की परीक्षा तिथि, एडमिट कार्ड अपडेट जल्द

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने Diploma in Elementary Education (DElEd) Joint Entrance Examination 2025… Read More

अगस्त 20, 2025 5:17 अपराह्न IST
  • Education & Jobs

NEET PG 2025 Topper: डॉ. पूशन मोहापात्रा ने किया टॉप, देखें टॉप 10 की लिस्ट

NEET PG 2025 का रिज़ल्ट जारी हो गया है और इस बार पहला स्थान हासिल… Read More

अगस्त 20, 2025 5:07 अपराह्न IST
  • New Delhi

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हमला, हमलावर गिरफ्तार

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर आज सुबह उनके आवास पर हुई जनसुनवाई  के दौरान… Read More

अगस्त 20, 2025 4:57 अपराह्न IST