प्रवासी मजदूरो के लिए सरकारी खर्चे पर गांव में खुला क्वारेंटीन सेंटर

KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के गांवों में लौट रहे प्रवासी कामगारो के लिए सरकार ने सभी प्रखंड मुख्यालय में 500 वेड का क्वारेंटीन सेंटर बना दिया है। ताकि, ग्रामीण समाज में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से पहले ही उसको रोका जा सके। बतातें चलें कि सरकार से रियायत मिलते ही इन दिनो बड़ी संख्या में मजदूर गांव लौट रहें है। लिहाजा, गांव में संक्रमण फैलने का खतरा मंडराने लगा है।

मुजफ्फरपुर जिला के मीनापुर में पिछले 24 घंटे के भीतर दो दर्जन से अधिक मजदूर बाहर से आयें है। शनिवार की देर शाम को मीनापुर के यदु भगत किसान महाविद्यालय के आइसोलेशन सेंटर में 10 मजदूरो को क्वारेंटीन किया गया। इसके साथ यहां क्वारेंटीन होने वालों की संख्या बढ़ कर 25 हो गई है। लॉकडाउन में यह सभी राजस्थान, दिल्ली, यूपी, हरियाणा और महाराष्ट्र के अतिरिक्त कई अन्य जगहो पर फंस गये थे और अब सरकार से रियायत मिलते ही यह सभी अपने घर लौट रहें है। फिलहाल, लौटने का यह सिलसिला अगले दो सप्ताह तक जारी रहने की उम्मीद है।

मीनापुर के बीडीओ, अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि क्वारेंटीन में रहने वालों को सरकारी खर्चे पर चाय, नाश्ता और भोजन दिया जा रहा है। इसके अतरिक्त यहां स्नान, शौचालय और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था है। मनोरंजन के लिए टीवी लगा दिया गया है। सुरक्षा के लिए दंडाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस तैनात है। गौरकरने वाली बात ये है कि यदु भगत किसान महाविद्यालय में 150 लोगो के रहने की व्यवस्था है। अधिकारी ने बताया कि मजदूरो की संख्या बढ़ने पर मीनापुर हाईस्कूल में 150, मध्य विद्यालय छितरपट्टी में 100 और मध्य विद्यालय खेमाईपट्टी में 100 वेड के साथ आइसोलेशन सेंटर बन कर तैयार है। किसी भी आपातकाल से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरिके से मुस्तैद है। कमोवेश पूरे जिले में यही हाल है।

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