संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर। दस साल बाद आयी प्रलयंकारी बाढ के बर्बादी का मंजर अब भी दिख रहे है। दो दर्जन पंचायतो मे अब भी इसके साइड इफैक्ट है। बाढ ने जान माल,फसल के साथ साथ पुल पुलियो को भी व्यापक क्षति पहुंचायी है। मीनापुर प्रखण्ड के सभी बड़े पुलो के सम्पर्क पथ मे दरार
क्या कहते जनप्रतिनिधि व राजनेता
हिमांशु गुप्ता(पूर्व जिप प्रत्याशी)– पुलो के एप्रोच पथ धंसने से बड़ी दुर्घटना हो सकती है। प्रशासन इसको गम्भीरता से ले। लाइफलाइन पर संकट गहरा सकता है। रोड़ा डालने के बजाये उसको स्थायी तौर पर मरम्मती कराया जाये।
नीलम कुशवाहा (अध्यक्ष,मुखिया संघ,मीनापुर)– मीनापुर मे अनुदान से वंचित बाढपीड़ितो के खाते मे छह हजार नगद की राशि अविलम्ब भेजी जाये। गलती अधिकारियो की है,जबकि बाढपीड़ितो का आक्रोश जनप्रतिनिधियो पर है। बाढ के दौरान स्थायी तौर पर चलने वाले राहत केंद्रो का भुगतान कराया जाये।
अजय सहनी (मुखिया कोईली)-उनके पंचायत के साथ बाढराहत मे नाइंसाफी हुआ है। अब भी उनके पंचायत के 806 बाढपीड़ितो का भुगतान नही हो पाया है। जिनका घर महिनो तक पानी मे डूबा हुआ था। पोलिथिन भी नही दी गयी।
चंदेश्वर साह (मुखिया रघई पंचायत)– बाढ से बर्बाद हुए परिवारो को मुआवजा देने मे प्रशासन ने भेदभाव किया है। उनके पंचायत के कई वार्डो के लोगो के खाते मे अब तक राशि नही भेजी गयी है। जिसके कारण जनप्रतिनिधियो पर लोगो का आक्रोश है।
This post was published on नवम्बर 4, 2017 14:52
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