प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी पहली नामीबिया यात्रा के दौरान देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘Order of the Most Ancient Welwitschia Mirabilis’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान नामीबिया की राष्ट्रपति नेटुम्बो नांदी-नडाईत्वाह (Netumbo Nandi-Ndaitwah) द्वारा प्रदान किया गया। इस ऐतिहासिक क्षण ने भारत और नामीबिया के बीच द्विपक्षीय सहयोग को एक नई दिशा दी है।
यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी को विदेश नीति में नेतृत्व, दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने, और भारत-अफ्रीका संबंधों को मजबूत करने के लिए दिया गया है।
नामीबिया द्वारा दिया गया यह नागरिक सम्मान प्रधानमंत्री मोदी का 27वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है, जिसे उन्हें मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद विभिन्न देशों ने प्रदान किया है।
‘Order of the Most Ancient Welwitschia Mirabilis’ नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश की राष्ट्रीय पहचान और वनस्पति वेलविट्सिया मिराबिलिस के नाम पर रखा गया है। यह पौधा लंबे जीवन, धैर्य और निरंतरता का प्रतीक है—जैसे गुण प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति में भी परिलक्षित होते हैं।
यह प्रधानमंत्री मोदी की पहली आधिकारिक नामीबिया यात्रा है और भारतीय प्रधानमंत्री की ओर से तीसरी बार किसी प्रधानमंत्री ने नामीबिया का दौरा किया है। यह यात्रा मोदी जी के पांच देशों के कूटनीतिक दौरे का अंतिम चरण है और इसे अफ्रीका के साथ भारत के संबंधों में नई जान फूंकने के रूप में देखा जा रहा है।
मोदी सरकार की विदेश नीति में “अफ्रीका के साथ समान विकास और सहयोग” की नीति को प्रमुखता दी गई है, और नामीबिया इस रणनीति में एक अहम कड़ी बनकर उभरा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नामीबियाई राष्ट्रपति नेटुम्बो नांदी-नडाईत्वाह के बीच गहन द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसके बाद चार अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। ये समझौते निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग को मजबूती देंगे:
ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग (विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा)
स्वास्थ्य सेवाओं और दवाओं की आपूर्ति में भागीदारी
डिजिटल बुनियादी ढांचा और प्रौद्योगिकी स्थानांतरण
शैक्षणिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान
ये समझौते भारत और नामीबिया को केवल कारोबारी साझेदार नहीं, बल्कि दीर्घकालिक रणनीतिक सहयोगी बनाते हैं।
नामीबिया भले ही जनसंख्या में छोटा देश हो, लेकिन यह प्राकृतिक संसाधनों, भू-राजनीतिक स्थिति और संभावनाओं के कारण भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ प्रचुर मात्रा में यूरेनियम, हीरे और दुर्लभ खनिज पाए जाते हैं, जो भारत की ऊर्जा और रक्षा आवश्यकताओं के लिए उपयोगी हैं।
इसके अतिरिक्त, नामीबिया Southern African Development Community (SADC) का सदस्य है, जिससे भारत को क्षेत्रीय स्तर पर अफ्रीकी बाजारों तक पहुँच मिलती है।
इतिहास में भी भारत ने नामीबिया के स्वतंत्रता संग्राम का समर्थन किया था, और अब यह संबंध विकास आधारित साझेदारी में बदल चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले वर्षों में कई अफ्रीकी देशों का दौरा किया है, जिनमें केन्या, रवांडा, युगांडा, दक्षिण अफ्रीका और नाइजीरिया शामिल हैं। भारत अब अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और दोनों के बीच व्यापार $98 बिलियन के पार पहुंच चुका है।
भारत ने अफ्रीकी देशों को $10 अरब डॉलर से अधिक की लाइन ऑफ क्रेडिट भी उपलब्ध कराई है। प्रधानमंत्री मोदी की नामीबिया यात्रा इस कड़ी में एक और मजबूत कदम है।
सम्मान समारोह में, नामीबियाई राष्ट्रपति ने कहा:
“प्रधानमंत्री मोदी एक वैश्विक नेता हैं, जिन्होंने भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया है और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को नई दिशा दी है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह भारत और नामीबिया के लोगों के बीच विश्वास और मित्रता का प्रतीक है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत नामीबिया के साथ ऊर्जा, स्वास्थ्य, डिजिटल और कृषि क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाता रहेगा।
अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय प्रवासी समुदाय से मुलाकात, स्थानीय सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण, और युवा प्रतिनिधियों से संवाद भी किया।
उन्होंने नामीबिया को अशोक स्तंभ का प्रतिरूप भेंट किया, जो भारत की सांस्कृतिक धरोहर और शांति का प्रतीक है।
यह दौरा केवल राजनीतिक या व्यापारिक नहीं था, बल्कि जन-जन के बीच विश्वास और संवाद को भी बढ़ावा देने वाला था।
नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त किया
चार रणनीतिक समझौते किए गए
ऊर्जा, स्वास्थ्य और डिजिटल सहयोग को गति
अफ्रीका में भारत की कूटनीतिक मौजूदगी को सशक्त किया
जन-संपर्क और सांस्कृतिक जुड़ाव को बल दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया द्वारा दिया गया यह सर्वोच्च सम्मान भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा का प्रतीक है। यह न केवल एक व्यक्तिगत सम्मान है, बल्कि भारत की विदेश नीति की परिपक्वता, विश्वसनीयता और सहयोगात्मक दृष्टिकोण का प्रमाण भी है।
यह दौरा दर्शाता है कि भारत अफ्रीका को समान सहयोगी और विकास भागीदार के रूप में देखता है—एक ऐसा रिश्ता जो भविष्य में और भी प्रगाढ़ होगा।
This post was published on जुलाई 10, 2025 11:32
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