भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से लगातार 12वीं बार ध्वजारोहण किया और राष्ट्र को संबोधित किया। यह भाषण उनकी अब तक की सबसे लंबी Independence Day स्पीच में से एक था, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक सुधार, आत्मनिर्भरता और आने वाले वर्षों के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले को याद करते हुए की। उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को आतंकियों ने सीमा पार से आकर निर्दोष पर्यटकों की हत्या की, लोगों को धर्म पूछकर गोली मारी गई।
मोदी ने कहा कि इस घटना के बाद Operation Sindoor चलाया गया, जिसमें सेना को पूरी छूट दी गई कि वह अपनी रणनीति, लक्ष्य और समय खुद तय करे। इस कार्रवाई से पाकिस्तान में भारी तबाही हुई और वहां का नेतृत्व अभी भी बेचैन है।
मोदी ने साफ कहा कि भारत अब किसी भी तरह का nuclear blackmail बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने आतंकवाद, उसके समर्थकों और पनाह देने वालों को मानवता का दुश्मन बताया।
सिंधु जल समझौते पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “खून और पानी साथ नहीं बह सकते।” उन्होंने इस समझौते को एकतरफा और अन्यायपूर्ण बताया और कहा कि भारत से निकलने वाली नदियों का पानी केवल भारतीय किसानों का अधिकार है।
मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की प्रगति पर गर्व जताया और बताया कि Group Captain Shubhanshu Shukla अंतरिक्ष स्टेशन से वापस आ चुके हैं और जल्द भारत लौटेंगे। उन्होंने कहा कि भारत अपना स्पेस स्टेशन बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है और गगनयान मिशन की तैयारी कर रहा है।
आर्थिक मोर्चे पर प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि इस बार दिवाली से पहले आम घरेलू वस्तुओं पर GST में बड़ी कटौती की जाएगी। उन्होंने इसे “Double Diwali” तोहफा बताया और कहा कि यह आम घरों के खर्च को कम करने में मदद करेगा।
मोदी ने बताया कि वह पिछले आठ साल से GST में सुधार कर रहे हैं, जबकि विपक्ष इसे लागू होने के बाद से छोटे व्यापारियों के खिलाफ बता रहा है।
प्रधानमंत्री ने “Mission Sudarshan Chakra” लॉन्च करने का ऐलान किया। भगवान श्रीकृष्ण से प्रेरित यह स्वदेशी रक्षा प्रणाली दुश्मन के किसी भी हमले को नाकाम करने और पलटवार करने में सक्षम होगी।
मोदी ने कहा कि 2035 तक इस राष्ट्रीय सुरक्षा कवच का विस्तार, सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण किया जाएगा। यह मिशन पूरी तरह भारतीय तकनीक पर आधारित होगा।
मोदी ने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि उनके हितों पर कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि उर्वरक से लेकर जेट इंजन और EV बैटरी तक हर चीज का निर्माण देश में ही किया जाए।
उन्होंने कहा कि किसानों के हितों के लिए वह “दीवार की तरह” खड़े रहेंगे और किसी भी बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकेंगे।
यह भाषण उस समय आया जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया है। अमेरिका का कहना है कि यह कदम भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद के चलते उठाया गया है।
मोदी ने सीधे तौर पर अमेरिका या टैरिफ का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका जोर self-reliance पर था, जिसे कई विशेषज्ञ इस व्यापारिक तनाव के जवाब के रूप में देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का 103 मिनट का भाषण गर्व और संकल्प से भरा था। इसमें उन्होंने सीमा पार आतंकवाद पर सख्त रुख, नागरिकों को आर्थिक राहत और रक्षा क्षमता को मजबूत करने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं पेश कीं।
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