मीनापुर में जल प्रलय, बाढ़ से मचा हाहाकार

संपूर्ण मीनापुर बाढ़ प्रभावित घोषित

बूढ़ी गंडक नदी ने ठीक एक दशक बाद मीनापुर में कोहराम मचा दिया है। इससे पहले वर्ष 2007 की तबाही को आज भी भूले नही है लोग। पिछले चार रोज में बूढ़ी गंडक ने मीनापुर की सभी 28 पंचायतो की करीब तीन लाख की आबादी को अपने चपेट में ले लिया है। करीब दस हजार घरो में बाढ़ का पानी प्रवेस कर जाने से करीब छह हजार परिवार अपने गांवो से पलायन करके उंचे स्थान पर शरण लिए हुये हैं। इस बीच भोजन, पेयजल व पशुचारा के लिए हाहाकार मच गया है।
अंचल प्रशासन ने मीनापुर की सभी 28 पंचायतो को बाढ़ ग्रस्त होने की पुष्टि करते हुए जिला प्रशासन से प्रयाप्त मात्रा में राहत सामग्री की मांग की है। अंचलाधिकारी ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि बाढ़ में विस्थापित हुए लोगो को प्रयाप्त मात्रा में भोजन, शुद्ध पेयजल व सिर ढ़कने के लिए पोलीथीन सहित पशुचारा के लिए जिला प्रशासन को त्राहीमाम पत्र भेज दिया गया है।
जन प्रतिनिधियों ने जताई नाराजगी
दूसरी ओर जिला पार्षद वीणा देवी व जिला पार्षद सीता देवी सहित कई अन्य जन प्रतिनिधियों ने प्रशासन द्वारा चलाई जा रही रहत कार्यो को उंट के मुंह में जीरा का फोरन बता कर अपनी नाराजगी प्रकट की है। पूर्व जिला पार्षद मिथलेश यादव, मुखिया संघ की अध्यक्ष नीलम कुशवाहा और छात्र राजद के जिला अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार ने बाढ़ में फंसे लोगो को तत्काल बाहर निकालने के लिए एनडीआरफ की टीम को सुदूर गांव में भेजने की मांग की है।
लाखो की फसल नष्ट
इस बीच बाढ़ से फसल को भारी तबाही हुई है। सैकड़ो एकड़ में खड़ी मक्का की फसल को बाढ़ से जबरदस्त नुकसान हुआ है। महदेइयां के शिवचन्द्र प्रसाद बतातें हैं कि भिंडी, कद्दू, परवल, झिगूनी आदि नकदी फसल तबाह हो चुकी है। इससे किसानो को लाखो रुपये का नुकसान हो गया है। जदयू किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार ने दूरभाष पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करके किसानो को फसल का प्रयाप्त मुआवजा देने की मांग की है।

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