राजकिशोर प्रसाद
शर्मसार जहां मानवता हो वहां किसी की दर्द सुनने वाला कोई नही होता। जी हां, यह एक सच्ची हकीकत की बेवश मिसाल है। मीनापुर प्रखण्ड के मझौलिया गांव में जंजीर से बंधा एक मासूम, जिन्दगी की उम्मीद पाले बैठा है। एक मां अपनी 8 साल के मासूम, अपने कलेजे के टुकड़े को जंजीर से बांध कर रखती है।
मंतोष जन्म से ही मन्द बुद्धि का है। वह मूक है। भला बुरा अच्छा खराब का फर्क नही समझता। जब दो साल का हुआ तो कर्ज लेकर मुजफ्फरपुर के बड़े से बड़े डॉक्टर से इलाज करवाया किन्तु कोई फायदा नही हुआ। बढ़ते उम्र के साथ मंतोष की अजीब हरकत से घर वाले परेशान होने लगे। किसी की फसल नष्ट कर देता तो किसी को दांत से काट लेता। सड़क पर दौड़कर चलती गाड़ी को पकड़ लेता। जहां तहा भागने लगता। फिर कर्ज लेकर पटना पीएमसीएच ले गया। वहाँ मंतोष ने अजीब हरकत करते हुये पुर्जा फाड़ दी और डॉक्टर की कोर्ट पकड़ खीचने लगा।
पिछले साल सड़क किनारे टेलीफोन के पोल से बंधा था तभी एक सांप आया। वह पकड़ कर खाने लगा। सांप खाते देख लोग हैरत हो गए। किन्तु किसी ने सुध नही ली। मीनापुर पीएचसी ले गया। वह् मेडिकल रेफर कर दिया।
पूर्व पुखिया सदरुल खान और पूर्व मंत्री हिन्दकेशरी यादव ने यहां आकर बच्चे को देखा और उसी वक्त अपने गाड़ी से ले जाकर मेडिकल में भर्ती करा दिया। एक दिन ठीक से इलाज हुआ। दूसरे दिन पूर्जा बनाकर बाहर से दवा खरीदने की कहा गया। सब जगह से हार कर अब भगवान पर आस लगा रखे है। वही पिता नागेश्वर महतो की भी आंखे भर आयी। कर्ज लेकर एक ठेला टेम्पु खरीदी। वही ठेला टेम्पु चला कर परिवार का भरण पोषण करता है।
इंदिरा भी गांव में मजदूरी करती है। इंदिरा को तीन लड़का और तीन लड़की है। सबसे बड़ी लड़की माला की शादी जन कर चुकी है। दूसरी 13 साल की कंचन और 9 साल की विभा गांव के ही सरकारी स्कुल में पड़ती है। सबसे बड़ा लड़का 17 साल का अशोक परिवार की माली हालत को देखते हुये पढाई छोड़ कबाड़ की दुकान में मजदूरी करता है। दूसरा लड़का सन्तोष सरकारी स्कुल में पढता है। इंदिरा कहती है कि दिन में मंतोष को खाना खिलाकर मजदूरी करने जाते है। रात में खाट में बांधकर साथ सोती है। मंतोष को पैखाना पेशाब का फर्क भी नही समझ है। जो भी हो मंतोष की इस नारकीय जिंदगी पर किसी को तरस तक नही आ रही। चाहे वह जनप्रतिनिधि हो या सामाजिक कार्यकर्ता हो या प्रशासनिक अधिकारी। सब तरह से हारने के बाद इंदिरा व नागेश्वर को अब उपरवाले को कोसने के आलावा कोई रास्ता नही दीखता।
This post was published on अप्रैल 9, 2017 18:51
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