KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को शेरपुर-दिघवारा गंगा पुल के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। इस पुल का निर्माण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा किया जा रहा है, और यह गंगा नदी पर ₹3200 करोड़ की लागत से बन रहा है। यह पुल पटना जिले के शेरपुर से सारण जिले के दिघवारा तक जाएगा और 14.52 किलोमीटर लंबा होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों से इस परियोजना की प्रगति के बारे में जानकारी ली और कार्य को तेज़ी से पूरा करने के निर्देश दिए।
पुल की लंबाई और डिजाइन
यह पुल 14.52 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें 6 लेन होंगे, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि यातायात का प्रवाह सुगम हो। इस पुल को एक प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में डिजाइन किया जा रहा है, जो पटना और सारण जिले के बीच यात्रा को आसान बनाएगा।
कनेक्टिविटी में सुधार
यह पुल उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण सुधार लाएगा। गंगा नदी पर इस पुल के बनने से दोनों क्षेत्रों के बीच यात्रा समय कम होगा, जिससे लोगों को राहत मिलेगी और व्यापारिक गतिविधियाँ भी बढ़ेंगी।
पटना रिंग रोड का हिस्सा
इस पुल का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह पटना रिंग रोड का हिस्सा बनेगा। इसके निर्माण से पटना शहर के पश्चिमी हिस्से से यात्रियों को अन्य हिस्सों में जाने में आसानी होगी। इस पुल के बनने से पटना रिंग रोड के तहत आने वाले रास्तों में यातायात बढ़ेगा और शहर के भीतर और बाहर यात्रा करना सरल होगा।
प्रस्तावित पूरा होने की तारीख
इस पुल का निर्माण कार्य 2027 तक पूरा होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस परियोजना को तेजी से पूरा करें, ताकि इसका लाभ लोगों को जल्द मिल सके।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों से पुल निर्माण कार्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली और कहा कि पुल का निर्माण जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने शेरपुर और दिघवारा के बीच बन रहे इस पुल को बिहार की महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी परियोजना बताया। इस पुल से न केवल दोनों जिलों के बीच यात्रा में सुविधा होगी, बल्कि यह बिहटा सरमेरा पथ से भी जुड़ेगा, जिससे यात्रा और अधिक सरल हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुल के निर्माण से पटना की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और राज्य के विकास में भी सकारात्मक योगदान मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि निर्माण कार्य समय पर पूरा हो और गुणवत्ता पर कोई समझौता न किया जाए।
आर्थिक विकास में योगदान
इस पुल के बनने से उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच व्यापारिक कनेक्टिविटी में वृद्धि होगी। इससे व्यापारियों को अपने सामान और उत्पादों को जल्दी और सस्ते में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह पुल पटना शहर के लिए भी एक अहम कनेक्शन होगा, जिससे राजधानी पटना का संपर्क अन्य क्षेत्रों से मजबूत होगा।
यात्रा में कमी
गंगा नदी पर वर्तमान में कुछ ही पुलों का निर्माण हुआ है, और इन पुलों पर यातायात का दबाव बहुत ज्यादा है। इस नए पुल के बन जाने से यात्रा समय में कमी आएगी, जिससे लोगों को लंबी दूरी की यात्रा करने में अधिक समय नहीं लगेगा। यह पुल मुख्य रूप से शहरी और ग्रामीण इलाकों के बीच यात्रा को सुविधाजनक बनाएगा।
विकसित सड़क नेटवर्क
इस पुल के निर्माण के साथ ही JP गंगा पथ का निर्माण भी होगा, जिससे पैदल और वाहनों का आवागमन और भी सुविधाजनक हो जाएगा। इससे क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी और नए रास्ते खुलेंगे, जो रोजगार और व्यवसाय के अवसरों को बढ़ावा देंगे।
मुख्यमंत्री के साथ इस निरीक्षण के दौरान प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप कुमार आर. पुदुकलकट्टी, पथ निर्माण विभाग के सचिव बी. कार्तिकेय धनजी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह, पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार, और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारी व अभियंता भी उपस्थित थे।
इन अधिकारियों ने परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और इस बात का आश्वासन दिया कि पुल का निर्माण समय पर होगा। साथ ही, परियोजना के विकास के लिए आवश्यक संसाधनों का भी वितरण सुनिश्चित किया गया है।
बिहार के लिए यह पुल एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित होने वाला है, क्योंकि इस पुल के निर्माण से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच जो दूरी और यात्रा में दिक्कतें थीं, वे काफी हद तक कम हो जाएंगी। यह पुल पटना रिंग रोड का हिस्सा बनते हुए पटना को अन्य हिस्सों से जोड़ने में मदद करेगा। इससे पटना शहर की यातायात व्यवस्था में भी सुधार होगा और यात्री आसानी से अपनी मंजिल तक पहुँच सकेंगे।
शेरपुर-दिघवारा गंगा पुल का निर्माण बिहार में कनेक्टिविटी के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में इस परियोजना की तेजी से प्रगति हो रही है, और इसकी पूरी होने पर राज्य की यात्रा, व्यापार और यातायात की व्यवस्था में सुधार होगा। इस पुल के बनने से न केवल पटना और उसके आसपास के क्षेत्र बल्कि उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के लोग भी लाभान्वित होंगे।
सरकार की इस महत्वपूर्ण परियोजना से न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार होगा बल्कि यह बिहार के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा।
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