KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में मानसून ने दस्तक तो दे दी है, लेकिन बीते 8 दिनों से बारिश अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रही है। हालांकि अब मौसम विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिनों में भारी बारिश, तेज आंधी, और वज्रपात को लेकर बड़ा अलर्ट जारी किया है। राज्य के 26 जिलों में मौसम का मिज़ाज पूरी तरह बदलने वाला है।
बिहार में मानसून सक्रिय होने के बावजूद अभी तक कई ज़िलों में ठीक से बारिश नहीं हो पाई है। पटना, नालंदा, गया, भागलपुर और मुज़फ़्फरपुर जैसे इलाकों में लोग अब भी तेज बारिश का इंतज़ार कर रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार, हवाओं की दिशा और नमी की कमी की वजह से मानसून की सक्रियता कमजोर बनी हुई है।
हालांकि, अब बंगाल की खाड़ी से उठ रही नम हवाएं उत्तर बिहार की ओर बढ़ रही हैं, जिससे आने वाले दिनों में बारिश की गतिविधि में तेज़ी आने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना द्वारा जारी ताज़ा बुलेटिन में बताया गया है कि बिहार के 26 जिलों में भारी बारिश, तेज आंधी (50-60 किमी/घंटा की रफ्तार) और वज्रपात की संभावना है। प्रभावित जिलों में शामिल हैं:
पटना
नालंदा
गया
मुज़फ़्फरपुर
भागलपुर
भोजपुर
सीवान
समस्तीपुर
बेगूसराय
दरभंगा
मधुबनी
सहरसा आदि
इन इलाकों में अगले 2-3 दिनों तक लगातार मौसम खराब बना रहेगा। विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है।
पटना और नालंदा जैसे शहरी इलाकों में भारी बारिश की संभावना से जलजमाव, यातायात में बाधा, और बिजली आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है। हर साल की तरह इस बार भी पटना में ड्रेनेज सिस्टम की कमजोर स्थिति चिंता का विषय बनी हुई है।
वहीं, ग्रामीण इलाकों में भारी बारिश के कारण फसलें खराब होने की आशंका है। विशेष रूप से धान की खेती करने वाले किसान चिंता में हैं क्योंकि अत्यधिक वर्षा से खेतों में पानी भर सकता है, जिससे फसल को नुकसान पहुंचेगा।
बिहार की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा कृषि पर आधारित है। नालंदा, समस्तीपुर, और पूर्णिया जैसे जिलों में किसान मानसून पर निर्भर रहते हैं। लेकिन इस बार बारिश के असमान वितरण ने किसानों की नींद उड़ा दी है।
मौसम विभाग के मुताबिक अगर अगले 5 दिनों में अच्छी बारिश नहीं हुई, तो कई क्षेत्रों में रोपाई में देरी हो सकती है। दूसरी ओर, लगातार बारिश से फसल गलने का खतरा भी बना रहेगा।
अगर अगले कुछ दिनों में मौसम की स्थिति और खराब होती है, तो शैक्षणिक संस्थानों को भी बंद किया जा सकता है। पटना, दरभंगा और गया में जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक स्थिति में अलर्ट मोड पर निर्णय लिया जा सकता है।
मौसम विभाग ने जनता के लिए सावधानियों की सूची भी जारी की है, जिनका पालन करके जान-माल की रक्षा की जा सकती है:
घर में रहें और सुरक्षित स्थान पर शरण लें।
किसी पेड़, खंभे या खुले मैदान में खड़े न रहें।
मोबाइल, टीवी, फ्रिज आदि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को बंद कर दें।
नदियों और जलाशयों से दूर रहें।
खेतों में काम करते समय बादल गरजने पर तुरंत घर लौट आएं।
बिजली गिरने की स्थिति में आपदा प्रबंधन टीम को सूचित करें।
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 25 जून से 30 जून के बीच बिहार के कई ज़िलों में तेज़ बारिश के साथ मौसम खराब रहेगा। कुछ क्षेत्रों में 24 घंटे में 100 मिमी तक वर्षा दर्ज की जा सकती है। यह जल स्रोतों को भरने के लिए तो अच्छा है, लेकिन जनजीवन में अवरोध भी उत्पन्न कर सकता है।भूस्खलन और बाढ़ की आशंका
हिल क्षेत्रों जैसे गया और कैमूर में भूस्खलन की आशंका जताई गई है। वहीं, उत्तर बिहार के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है। प्रशासन ने सभी जिलों को तैयार रहने का निर्देश दिया है।
बिहार मौसम अपडेट के अनुसार, राज्य में अगले कुछ दिनों तक मौसम बेहद खराब रहने वाला है। आईएमडी द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार, लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। प्रशासन, आम जनता और किसान — सभी को मिलकर इस आपदा का सामना करना होगा।
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