KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में इस समय मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) का प्रभाव अब स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 6 से 11 अप्रैल 2025 के बीच राज्य के कई हिस्सों में गरज-चमक, तेज़ हवाएं, बिजली गिरने और हल्की बारिश की संभावना है।
इसको देखते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
येलो अलर्ट मौसम विभाग द्वारा जारी की जाने वाली प्रारंभिक चेतावनी होती है। इसका उद्देश्य है लोगों को संभावित मौसम संबंधी जोखिमों के लिए सतर्क करना। इसका मतलब होता है कि:
????️ आंधी-तूफान, बिजली गिरने जैसी घटनाएं हो सकती हैं
⚠️ सतर्कता आवश्यक है, विशेष रूप से खुले इलाकों में रहने वालों के लिए
???? अनावश्यक यात्रा और खुले में काम करने से बचें
शनिवार को राजधानी पटना का अधिकतम तापमान 39.0°C दर्ज किया गया, जबकि डेहरी में सबसे अधिक 39.8°C तापमान दर्ज किया गया।
आगामी 48 घंटों में तापमान 1 से 3 डिग्री तक और बढ़ने की संभावना है। हालांकि, बारिश के बाद कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के अनुसार, पूर्वोत्तर असम और आसपास के क्षेत्रों में एक चक्रवाती हवा का क्षेत्र बना हुआ है, जो पश्चिमी विक्षोभ के रूप में बिहार को प्रभावित करेगा।
यह सिस्टम 8 अप्रैल से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करेगा, जिसके बाद बिहार के मैदानी इलाकों में तेज हवाएं, गरज-चमक और बारिश होने की संभावना प्रबल हो जाएगी।
मौसम विभाग ने कई जिलों को येलो अलर्ट के दायरे में रखा है। यहां 40–50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने, बिजली गिरने और बारिश की संभावना है।
सीतामढ़ी
मधुबनी
दरभंगा
शिवहर
समस्तीपुर
वैशाली
मुजफ्फरपुर
अररिया
किशनगंज
सहरसा
सुपौल
मधेपुरा
पूर्णिया
कटिहार
भागलपुर
बांका
जमुई
मुंगेर
खगड़िया
???? इन सभी जिलों में ओले गिरने (Hailstorm) की भी संभावना जताई गई है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में फसलों को नुकसान हो सकता है।
मौसम में आने वाले इस बदलाव को देखते हुए IMD और कृषि विशेषज्ञों ने निम्नलिखित सुझाव दिए हैं:
???? किसान फसलों की सुरक्षा करें, ओलावृष्टि से गेहूं और सब्जियों को नुकसान हो सकता है
???? सिंचाई को कुछ दिनों के लिए टालना उचित होगा
???? छतों पर रखे सामान को सुरक्षित स्थान पर रखें
???? पेड़-पौधों और बिजली के तारों के नीचे खड़े न हों
???? बच्चों और बुजुर्गों को घर के अंदर रखें, विशेष रूप से शाम के समय
गरज-चमक और बारिश की गतिविधियां आमतौर पर दोपहर 2 बजे से रात 8 बजे के बीच होती हैं
इस समय के दौरान खुले स्थानों पर न रहें, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग सावधानी से करें
बिजली गिरने की घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा होती हैं, ऐसे में कृषि कार्यों से बचें
बिहार के मौसम में आए इस अचानक बदलाव के पीछे कुछ खास कारण हैं:
पश्चिमी विक्षोभ की हिमालयी क्षेत्र में सक्रियता
पूर्वोत्तर भारत में चक्रवातीय हवाओं का प्रभाव
बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी की वजह से बादल बनने की प्रक्रिया तेज़
पछुआ हवा की वजह से पहले सूखा मौसम, अब बदलता मिज़ाज
यह मौसम का एक संक्रमण काल (Transitional Phase) है, जो आमतौर पर अप्रैल-मई में देखने को मिलता है।
11 अप्रैल के बाद मौसम में स्थिरता आ सकती है, लेकिन इसके बाद गर्मी और उमस में वृद्धि के आसार हैं।
दक्षिण बिहार और झारखंड से लगे इलाकों में लू चलने की संभावनाएं बन सकती हैं।
बिहार में आने वाले 5 दिनों में मौसम का मिज़ाज बदलेगा, जिससे एक ओर गर्मी से राहत मिलेगी, तो दूसरी ओर तेज़ हवाएं, बिजली गिरने और ओलावृष्टि जैसी घटनाएं चिंता का विषय बन सकती हैं।
लोगों से अपील है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान दें, और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।
???? ताज़ा अपडेट्स, जिला-वार पूर्वानुमान और सावधानी संबंधी जानकारियों के लिए जुड़े रहें KKNLive.com के साथ।
This post was last modified on अप्रैल 6, 2025 12:06 अपराह्न IST 12:06
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