इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार ने तोड़ी चुप्पी, सभी विकल्प खुले

नीतीश कुमार

कहा कि इस माहौल में काम करना मुश्किल

बिहार। बिहार के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा के बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए राजनीतिक घटनाक्रम पर कई महत्वपूर्ण बातें कही है। इस बीच खबर है कि राज्यापाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने नीतीश का इस्तीफा मंजूर कर लिया है और कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने के लिए कहा है। नीतीश कुमार ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि 20 महीने तक गठबंधन चलाया है, जितना संभव हुआ गठबंधन धर्म निभाने की काशिश भी की। कहा कि हमने जनता के लिए काम किया , चुनाव में जो वादा किया उसे पूरा किया। किंतु, पिछले 20 महीना में जो चीजें उभर कर सामने आई, उस माहौल में काम करना असंभव हो गया था। कहा कि हमारी लालू जी से भी बात होती रही है, तेजस्वी जी से भी बात की। हमने सिर्फ यही कहा कि जो भी आरोप लगे हैं उन पर आकर सफाई दें। कहा कि हालात ऐसी बनी कि सरकार चलना संभव नही था।
इस्तेफे के बाद कार्यवाहक मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि यह फैसला हमने अंतरआत्मा की आवाज पर लिया है। तेजस्वी यादव के मुद्दे पर हमने राहुल गांधी से बात की थी, तेजस्वी ने सफाई नहीं दी, हमको जबाव देना मुश्किल हो रहा था। नोटबंदी के समय मेरे उपर कैसे कैसे आरोप लगे, जो जनहित में था मैंने वो बात कही। राष्ट्रपति के चुनाव के सवाल पर हमारे उपर कई आरोप लगे, हमने कहा था कि वे हमारे राज्य के गवर्नर थे अगर वे राष्ट्रपति बनते है तो हमारे लिए गर्व की बात होगी। भाजपा के समर्थन के सवाल पर नीतीश ने कहा कि बिहार के हित में सारे विकल्प खुले हुए है। नीतीश कुमार ने कहा कि इस्तीफा देने से पहले हमने विधानमंडल दल के सदस्य, लालू प्रसाद और कांग्रेस के अध्यक्ष को भी इसकी जानकारी दे दी थी। नीतीश कुमार ने कहा कि मैं विपक्षी एकता का पक्षधर रहा हूं। लेकिन, एकता का कोई एजेंडा होना चाहिए। नीतीश ने जोर देकर कहा कि अगर तेजस्वी इस्तीफा देते तो राजनीति की ऊंचाइयों पर चले जाते। अब उनके सामने उनके रास्ते हैं और हमारे सामने हमारे अपने रास्ते हैं। जो चीजें उभर कर सामने आई हैं मेरे लिए काम करना और नेतृत्व करना संभव नहीं है। हमने अपनी ओर से बहुत इंतजार करने के बाद राज्य के हित में कठोर निर्णय लिया है।

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